चेन्नई. न्यू वाशरमेनपेट स्थित जैन भवन विराजित उमराव ‘अर्चना’ सुशिष्या मंडल की साध्वी कंचनकुंवर, साध्वी सुप्रभा ‘सुधा’, साध्वी डॉ. उदितप्रभा ‘उषा’, साध्वी डॉ. हेमप्रभा ‘हिमांशु, साध्वी विजयप्रभा, साध्वी डॉ. इमितप्रभा, साध्वी उन्नतिप्रभा, साध्वी नीलेशप्रभा का प्रवचन कार्यक्रम हुआ।
साध्वी डॉ. सुप्रभा ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप और हम दोनों ही साधना कर रहे हैं। हम श्रेय की साधना कर रहे हैं और आप प्रेय की। आत्मा की साधना श्रेय है और इन्द्रिय तथा मन की साधना प्रेय है। यदि सुख, शांति आनन्द चाहिए तो श्रेय की साधना करनी चाहिए। मानव जीवन में यह अवसर आया है। इस जीवन को सार्थक व सफल बनाना है तो श्रेय की साधना करनी चाहिए।
आज भौतिकता की चकाचौंध में मानव ने आत्मा को विस्मृत कर दिया है। यदि आत्म शांति और सुख चाहिए तो जिनवाणी का आधार लें जिससे शिव-रमणी को प्राप्त करेंगे।
साध्वी हेमप्रभा ने कहा कि सुन्दर अवसर पुण्यशाली को मिलता है। पुण्यशाली भाग्यशाली को कहीं जाना नहीं पड़ता है।
श्री मधुकर उमराव अर्चना चातुर्मास समिति के प्रचार-प्रसार मंत्री हीराचंद पींचा ने बताया कि साध्वीमंडल बुधवार को न्यू वाशरमेनपेट से विहार कर ओसवाल गार्डन, कुरुक्कपेट के जैन स्थानक पहुंचेगा जहां धर्म-प्रवचन कार्यक्रम होंगे।