ज्ञान वाणी के अन्य पोस्ट

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अल्पाहार अन्नाधानम का कार्यक्रम

दिनांक 1st दिसंबर रविवार 2024, *111* वे अमावस्या के उपलक्ष म...

रत्नवंशीय पंचम आचार्यश्री विनयचन्द्रजी म.सा की पुण्यतिथि मनाई गई

श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ-तमिलनाडु के तत्वावधान में रत...

रत्न संघ के गठन के स्वर्णिम वर्ष का शुभारम्भ हुआ

दिनांक 24 नवम्बर 2024 रविवार को रत्न संघ के गठन के स्वर्णिम ...

बेंगलुरू में जैन सेवा मंडल द्वारा अन्नदानम

  दिनांक 18th नवम्बर सोमवार 2024 कर्नाटक के संत श्री कन...

चातुर्मास हुवा पूर्ण , चल दिए गुरुवर एंव गुरुणी विहार को

  *बहती धारा सम निकल जायेगे एक नए पड़ाव को*। *🤷‍♂️ ऐ हवा...

उपप्रवर्तक गुरू कोमल – मुनि हर्षित…ठाणा – 2 का चातुर्मास 2024 संपन्न हुआ

गुरू अम्बेश दीक्षा भूमि मंगलवाड़ में गुरू अम्बेश सौभाग्य मदन...

भारतीय जैन संघटना पिंपरी- चिंचवड विभाग आढावा बैठक आकुर्डी जैन स्थानकात संप्पन्न

भारतीय जैन संघटना पिंपरी- चिंचवड विभाग आढावा बैठक आकुर्डी जै...

ज्योतिषशास्त्र

यदि एक हाथ की हृदय रेखा स्पष्ट नहीं है पर दूसरे हाथ में हृदय रेखा स्पष्ट है तो वह व्यक्ति प्रेम में असफल होता

कनिष्ठा पर समाप्त होता है ! हृदय रेखा जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा के ऊपर हथेली के शीर्ष पर स्थित होती है ! इसका आरम्भ तीन महत्वपूर्ण स्थानों गुरु पर्वत के मध्य स...

विवाह रेखा बीच में टूटी हो तो इससे विवाह टूटने का खतरा बना रहता

➡️ यदि विवाह रेखा बीच में टूटी हो तो इससे विवाह टूटने का खतरा बना रहता है ! ➡️विवाह रेखा पर त्रिशूल का निशान बनने पर पति-पत्नी के बीच काफी प्रेम होता है ! ऐसी र...

ईश्वर की पूजा से बढ़कर होती है माता-पिता की सेवा : साध्वी नूतन प्रभाश्री जी

पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन जैन साध्वियों ने बताए अंतगढ़ सूत्र के प्रेरक संदेश Sagevaani.com @शिवपुरी। जिस पर अपने माता-पिता का आशीर्वाद होता है। जो अपने माता-पित...

राशिफल 26 मई

मेष: आज चंद्रमा दिन रात कुंभ राशि पर संचार करेगा। आज ही भद्रा प्रात: 6 बजकर 25 मिनट से सांय 7 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। चंद्रमा के इस संचार से कई राशियों के लिए दि...

अरे सुनिये तो! बिगड़ रहा बच्चा तो तुरंत कर डालिए ये उपाय

बच्चे का दिल पढ़ाई में लगाने के कुछ अचूक उपाय जिन बच्चों का दिल पढ़ाई में नहीं लगता उनके मां—बाप काफी चिंतित रहते है। डांट—फटकार वह तरह—तरह के उपाय करने के बावज...

आनंदमय जीवन का अमोघ साधन है गुरुसेवा

ऊँ माँ चिंतापूर्णी जी के चरणों में अभिनंदन ऊँ भगवतें वासुदेवायं नम: गुरुसेवा ऐसा अमोघ साधन है जिससे वर्तमान जीवन आनंदमय बनता है और शाश्वत सुख के द्वार खुलते हैं...

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