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आचार्य सम्राट पूज्य श्री आनंद ऋषि जी म सा की जन्म जयंती तीन तीन सामायिक से मनाई गई

श्री एस एस जैन संघ नार्थ टाउन के तत्वावधान में पुज्य गुरुदेव जयतिलक मुनिजी म सा के सान्निध्य में आचार्य सम्राट राष्ट्र संत परम पूज्य श्री आनंद ऋषि जी म सा की जन्म जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आचार्यदेवेश श्री देवेन्द्रसागर सु.म.सा ठाणा 2 ने पधार कर जिनवाणी व मंगल पाठ सुनाया । आनंद ऋषि जी म सा के जन्मोत्सव पर महिला मण्डल द्वारा स्तवन प्रस्तुत किया गया। बंशीलाल डोसी ने आचार्य प्रवर के जीवन पर प्रकाश डाला। महिला मण्डल अध्यक्षा ललिता सबदडा ने आनंदऋषिजी के बारे में गुणगान किया। सचिव ममता कोठारी ने स्वरचित कविता गाई। महावीर लुणावत, इंद्राबाई संचेती ने भजन गाया। अध्यक्ष अशोक कोठारी ने बताया कि आनंदऋषि जी म सा का 123 वा जन्म दिवस आज हम नार्थ टाउन में तीन तीन सामायिक से मना रहे हैं  सुरेश इंद्राबाई संचेती ने आजीवन ब्रह्मचार्य चौथे व्रत के प्रत्याख्यान गुरुदेव जयतिलक मुनिजी से ग्रहण किया। साथ ही आज के ...

धर्म की सुरक्षा ही वास्तविकता से स्वयं की सुरक्षा है: मुनिप्रवर श्री डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा.

     🛕 *स्थल: श्री राजेन्द्र भवन चेन्नई*  🪷 *विश्व वंदनीय प्रभु श्रीमद् विजय राजेंद्र सुरीश्वरजी महाराज साहब के प्रशिष्यरत्न राष्ट्रसंत, दीक्षा दाणेश्वरी प.पू. युगप्रभावक आचार्य श्रीमद् विजय जयंतसेनसुरीश्वरजी म.सा.के कृपापात्र सुशिष्यरत्न श्रुतप्रभावक मुनिप्रवर श्री डॉ. वैभवरत्नविजयजी म.सा.* के प्रवचन के अंश    🪔 *विषय श्री अभिधान राजेंद्र कोष भाग7* ~ यदि हमे जीवन में धर्म रक्षा, राष्ट्र रक्षा करनी है तो हमें सर्वप्रथम धर्म, राष्ट्र को सत्य रूप से समझना ही चाहिए। ~ जो मानव धर्म, राष्ट्र, समाज, परिवार की महत्वता समझता है वह उनके हित के लिए सब कुछ बलिदान दे ही सकता है। ~ हमारे मन में पैसा, हीरा, सोना का महत्व होता है इसलिए सुरक्षा होती है वैसे ही जीव की, धर्म की महत्वता होगी तो उसकी सुरक्षा भी होगी। ~हमारे (शरीर, वचन, मन) का उपयोग यदि धर्म की श्रेष्ठता के लिए हो रहा है तो (शरीर, वचन, मन )निख...

पढ़ाई के साथ साथ पर्यावरण के प्रति भी गंभीरता जरुरी: फतेहराज जैन

राजस्थान पत्रिका एवं एक्ष्नोरा इंटरनेशनल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हरित प्रदेश अभियान के दौरान आज श्री शुद्धादवैटा वैष्णव हायर सेकेंडरी स्कूल पार्क टाउन में पौधे रोपण किए एवं जागरुकता रैली निकाली! रैली अमन कोईल, पिल्लियार कोईल, पोनप्पा, ईके अग्रहराम होते हुए स्कूल के हॉल में प्रवेश किया! इस मौके पर नैशनल सर्विस स्कीम के विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के गुणों के बारे मे विस्तार से जानकारी दी! नॉर्थ चेन्नई एक्ष्नोरा सचिव फतेहराज जैन ने कहा कि पढ़ाई के साथ साथ पर्यावरण के प्रति भी गंभीर रहने की सलाह दी उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए पौधे लगाना बहुत जरूरी है। सिर्फ पौधा लगाना ही काफी नहीं समुचित देखभाल करना भी जरूरी है। पेड़ इंसानों की अहम जरूरत है उनके जीवन का आधार है पौधारोपण के जरिए हम पानी की कमी से भी छुटकारा पा सकते हैं अधिकाधिक पौधे लगाने से ही बरसात भी समय...

गुरुदेव जैन दिवाकर चौथमल जी म सा की जन्मजयन्ति बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी 

आज विजयनगर स्थानक भवन में विराजित जैन सिद्धान्ताचार्य जैन दिवाकरिय साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी म सा आदि ठाणा 5 के सानिध्य में पूज्य गुरुदेव जैन दिवाकर चौथमल जी म सा की जन्मजयन्ति बहुत ही हर्षोल्लास व उमंग के साथ गुरुदेव के जाप व सामायिक से मनाई गयी। साध्वीश्री प्रेक्षाश्री जी व साध्वीश्री प्रेरणा श्री जी ने उनके पूरे जन्म से महाप्रयाण तक की यात्रा का जीवन परिचय कराते हुए जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में उनके गुणों व चमत्कारिक प्रभाव के वृतांत सुनाये उनके जीवन मे कई अकल्पनीय घटनाएं हुई।यह उनके संयमी जीवन का प्रभाव था। ऐसे शुभ अवसर पर बैंगलोर के कई उपनगरों के तथा बाहर गाँव से श्रद्धालुओं के पधारने से भवन छोटा पड़ गया।आज मुम्बई के नालासुपारा श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन संघ के प्रमुख रमेश बोहरा, उपाध्यक्ष ललित कागरेचा, मंत्री नरेंद्र लोढ़ा व अशोक लोढ़ा के नेतृत्व में संघ की ओर से सन 2023 के च...

भगवान महावीर ने भव्य जीवों को भवसागर से तिरने का उपदेश दिया: जयतिलक जी मरासा

जयतिलक जी मरासा ने रायपुरम जैन भवन में प्रवचन में फ़रमाया कि करुणा के सागर भगवान महावीर ने भव्य जीवों को भवसागर से तिरने का उपदेश दिया और जिनवाणी रूपी गंगा प्रवाहित की। कार्तिक सुद पंचमी ज्ञान पंचमी कहलाती है इसको जितनी शुद्ध रखते है उतना ही ज्ञान पवित्र होता है। इससे मुख मे सरस्वती का रूप है। जैन धर्म मे ज्ञान को महत्व दिया। सभी आत्मा में अनन्त ज्ञान है उस पर कर्मो का आवरण आया हुआ है। जो ज्ञान को ढंक दिया – कांच (दर्पण) मे अपना चेहरा देख सकते है। यदि उस पर मिट्टी का आवरण आ गया तो उसमे चेहरा नही देख सकते इस धूल को हटा दिया जाए तो चेहरा देखने मे समर्थ हो जाएगा उसी प्रकार हर आत्मा दर्पण की भांति है हर आत्मा में गुण को जानने की क्षमता है किन्तु कर्मों के आवरण के कारण चेहरा नही देख सकते है। उसी प्रकार हर आत्मा दर्पण की भांति है। हर आत्मा को गुण पर्याय जानने की क्षमता है। किंतु कर्मों के ...

आत्मा निंदा अमृत के समान है – साध्वी सुधा कंवर

जय जितेंद्र, कोडमबाक्कम् वड़पलनी श्री जैन संघ के प्रांगण में आज तारीख 01 अगस्त सोमवार, परम पूज्य सुधाकवर जी मसा के मुखारविंद से:-मंगलमय महावीर भगवान की मंगलमयीदेशना में आत्म निंदा करने से पश्चाताप का भाव जागृत होता है। वह आत्मा करण गुण श्रेणी को प्राप्त करके मोहनिय कर्म को शेयर कर देता है अपने दुष्चरण के प्रति आत्मग्लानि का भाग होना निंदा है। निंदा दो प्रकार की होती है – आत्म निंदा एवं परनिंदा। आत्म निंदा अमृत के समान है तो परनिंदा विष के समान हैं। आत्म निंदा करने वाला साधक आत्मा विकास के पथ को प्रशस्त करता है और पर निंदा करने वाला दुर्गति में जाता है आत्मा का पतन कर देता है। परमात्मा ने कहा है कि परनिंदा करना पीठ का मांस खाने के समान हैं। इस संसार में तीन प्रकार के लोग होते हैं निंदनीय वंदनीय और अभिनंदन है निंदनीय लोग निंदा जनक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, वंदनीय लोग उच्च कोटि के का...

चातुर्मास समापन पर आभार प्रदर्शन धार्मिक कार्यक्रम सत्संग का भव्य आयोजन

जैन संत डाक्टर राजेंद्र मुनि जी ने चातुर्मास समापन पर बोलते हुए श्री संघ बठिंडा को धन्यवाद अर्पण करते हुए कहा, चार माह तक निरन्तर जारी रहने वाला यह महामहोत्सव अनेकानेक धार्मिक सामाजिक, जप तप दान दया स्वधर्मी भाईओं की सेवा व विशेष कर आत्म साधना के साथ सम्पन हुआ है! इस दरम्यान कई धार्मिक उत्सवो मे गुरु आत्म आनन्द देवेन्द्र शिव पुष्कर जयंति, बाल संस्कार शिविर, घर घर मे अखण्ड नवकार मंत्र साधना का जाप, भारतभर से लोगों का आवागमन रहा, मुनि जी ने जीवन मे सत्संग का महत्व बतलाते हुए कहा सत आत्मा संग सम्पर्क जहाँ आत्मा का सम्बन्ध जुड़ता हो वही सच्चा सत्संग है! मानव मन आधुनिक वातावरण के कारण शरीर को ही सर्वस्व मानकर जीवन जी लेता है जबकि शरीर क्षण भंगूर नाशवान तत्व है पंचभूतों से निर्मित शरीर पंचभूतों मे मिट्टी का मिट्टी मे विलीन हो जाता है! धर्म ने शरीर को मात्र साधन माना है जिससे साधना की जाती है! आत्...

आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल स्टोर का जैन संस्कार विधि से हुआ शुभारम्भ

चेन्नई तेयुप का पांचवाँ संस्करण      अभातेयुप प्रबंधन मण्डल की रही उपस्थिति ट्रिप्लीकेन, चेन्नई : –  अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान में, तेयुप चेन्नई की संयोजना में मानव सेवा को समर्पित उपक्रम के अन्तर्गत नवीन आचार्य महाप्रज्ञ मेडिकल स्टोर का जैन संस्कार विधि से शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर पुर्व में ट्रिप्लीकेन में संचालित आचार्य तुलसी डायग्नोसिस सेंटर एंड डेंटल केयर और आचार्य महाश्रमण क्लीनिक का भी परिवर्तित भवन में शुभारम्भ हुआ।   नमस्कार महामंत्र सम्मुच्चारण के साथ प्रायोजक जैतारण निवासी, चेन्नई प्रवासी स्वर्गीय श्री अमरचन्द छल्लाणी की पुण्य स्मृति में श्रीमती कमलाबाई, विनोद कुमार, वसंत कुमार, सुरेश कुमार, दीपक, उज्जवल, मोहित, हर्ष, शौर्य छल्लाणी परिवार एवं अभातेयुप अध्यक्ष पंकज डागा और अतिथियों द्वारा फीता खोला गया व पट्ट का अनावरण किया गया।          अभातेयुप संस्कारक ...

उदयपुर भव्य समारोहों मे लोकाशाह जैन स्थानक का संत और साध्वी मंडल के पावन सानिध्य मे नव निर्मित स्थानक का हुआ उद्घाटन

13 नवम्बर/  उदयपुर अशोक नगर नवनिर्मित लोकाशाह जैन स्थानक अशोक नगर मे रविवार को संत शिरोमणी पूज्य प्रवर्तक श्री सुकन मुनि जी म,सा ज्योतिष सम्राट उपप्रवर्तक श्री अमृत मुनि जी म,सा युवा प्रणेता महेश मुनि जी तपस्वी मुकेश मुनि जी सेवारत्न हरीश मुनि जी युवा रत्न नानेश मुनि जी व्याख्यानी हितेश मुनि जी प्रार्थनार्थी सचिन मुनि जी बालयोगी अखिलेश मुनि जी डॉक्टर वरूण मुनि जी म,सा आदि संतो के पावन सानिध्य व हिरण मंगरी अमर जैन साहित्य स़ंस्थान से महाश्रमण जिनेन्द्र मुनि जी म,सा उपप्रवर्तक सुभाष मुनि जी म,सा ऋषभ मुनि जी म,सा भूवाणा देवेन्द्र धाम से महासाध्वी रत्न ज्योति जी म,सा आदि ठाणा कुमावाडा से विदुषी मनीषा जी पूवाश्री जी म,सा आदि संत साध्वीवृन्द कै आतिथ्य और पुना निवासी दानवीर भामाशाह प्रकाश चन्द्र रसिकलाल जी धारीवाल के प्रतिनिधि के रूप में समाज सेवी बालासाहब जी धोका धर्मसायिका मजुषा जी धोका और बैगल...

सामूहिक एकासना एवं सामूहिक आयबिल‌‌ तप की आराधना की

दुर्ग जैन संत श्री गौरव मुनि का जन्म दिवस एवं तप वीरांगना शतक वीर नंदा देवी पारख के 108 उपवास की उग्र तपस्या के अनुमोदनार्थ जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग में पांच दिवसीय आयोजन चल रहा है। इसी क्रम में कल जैन संप्रदाय के सभी सदस्यों ने मिलकर सामूहिक एकासना एवं सामूहिक आयबिल‌‌ तप की। आराधना की यह आयोजन ऋषभ देव परिसर में आयोजित की गया था। जिसमें जैन समाज के 650 श्रावक श्राविका ने इस तप में  अपनी हिस्सेदारी निभाई। छत्तीसगढ़ प्रवर्तक जैन संत श्री रतन मुनि के सानिध्य में तथा गौरव मुनि के मार्गदर्शन में तब त्याग जप अनुष्ठान का कार्यक्रम निरंतर गतिमान है। नंदा देवी के सम्मान में सवा लाख नवकार महामंत्र का जप अनुष्ठान आज प्रातः जय आनंद मधुकर रतन भवन में सवा लाख नवकार महामंत्र का जप अनुष्ठान कराया गया। जिसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के अनुयायियों ने इस अनुष्ठान में हिस्सा लिया। आज प्रातः 7:...

आवश्यकता होती है संपत्ति, शक्ति, संस्कृति और संस्कार: संत श्री गौरव मुनि

दुर्ग / पर्यूषण पर्व आज सातवां दिन था जब से पर्यूषण पर्व प्रारंभ हुआ है तब से लगातार त्याग तपस्या करने वालों का तांता लगा हुआ है। जय आनंद मधुकर रतन भवन बांदा तालाब दुर्ग में संत रतन मुनी एवं विवेक मुनि के सानिध्य में चातुर्मास गतिमान है। धर्म सभा को संबोधित करते हुए संत श्री गौरव मुनि ने कहा जीवन में चार बातों की हमेशा आवश्यकता होती है संपत्ति, शक्ति, संस्कृति और संस्कार। मानव जीवन में इन सभी की सार्थकता है आज का प्रवचन संस्कार विषय पर केंद्रित था संस्कार चार प्रकार के बताए जाते हैं गर्भ संस्कार पूर्वक संस्कार माता-पिता का संस्कार, वातावरण या संगत से प्राप्त संस्कार। मनुष्य जिस प्रकार के वातावरण में रहता है उसमें वैसे संस्कार पनपते जाते हैं। साधु संतों एवं गुरु भगवंतो के सानिध्य में रहने वाले ज्यादा संस्कारवान होते हैं। अपेक्षाकृत दूसरे लोगों के साथ रहने वालों केअच्छे संस्कारों से चरित्र क...

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