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चातुर्मास की पूर्णाहुति के उपलक्ष में संघ द्ववारा कृतज्ञता दिवस मनाया गया

चातुर्मास की पूर्णाहुति के उपलक्ष में संघ द्ववारा कृतज्ञता दिवस मनाया गया

आज विजयनगर स्थानक भवन में चातुर्मासार्थ विराजित जैन सिद्धान्ताचार्य साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी म सा आदि ठाणा 5 के इस चातुर्मास की आज पूर्णाहुति के उपलक्ष में संघ द्ववारा कृतज्ञता दिवस मनाया गया।

सर्व प्रथम दीक्षिताश्री जी म सा ने जाप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

साध्वी प्रेक्षाश्री जी ने वीर लोकाशाह जयन्ती के उपलक्ष पर जीवन परिचय कराते हुए बताया कि वीर लोकाशाह का जन्म गुजरात के अरहट्टवाड़ा नगर मे सँवत 1492 को पिता हेमाशाह व माता गंगाबाई की कुक्षी से हुआ।लोकाशाह के विवाह के उपरांत 23 -24 वर्ष की उम्र में एक वर्ष के अंतराल में ही माता पिता दोनों का देहांत हो गया।तब लोकाशाह नगर छोड़कर अहमदाबाद आ गए।वँहा के नरेश मोहम्मद शाह इनसे प्रभावित होकर अपने राज कोष में कोषाधिकारी नियुक्त कर दिया। मोहम्मद शाह के बेटे ने राजभोग के लालच में भोजन में विष देकर वध कर दिया।

लोकाशाह इस जघण्यकृत्य से जागतिक जीवन के प्रति वितृष्णा व ग्लानि पैदा हो गयी। उन्होंने पद त्याग कर जनकल्याण के कार्य मे लग गए। कुछ ही समय मे 45 व्यक्तियों ने लोकाशाह से अतिशय प्रभावित होकर दीक्षा ग्रहण करली। तदुपरांत स्वयं ने भी संवत 1526 में दीक्षा ग्रहण करली।

इनकी सुंदर लेखनी से इन्हें शास्त्रों की प्रितिलिपियाँ तैयार करने को दी गयी। इससे इनमें जैन धर्म की महत्ता का प्रभाव और अधिक बढ़ गया और दिनों दिन इन्होंने श्रमनधर्म हेतु अनेकों बदलाव व कार्य किये। मुनि लोकाशाह की ख्याति लोगों से सहन नहीं हुई। जब दिल्ली से अलवर आये तो किन्ही षडयंत्रकारियो ने अन्न में विष दे दिया। लोकाशाह को तुरंत इसका प्रभाव मालुम हुआ और उन्होंने संलेखना संथारा ग्रहण कर लिया ओर चैत्र सुदी शुक्ला एकादशी संवत 1546 के दिन स्वर्ग सिधार गए।जैन धर्म मे मुहपत्ति व श्रमनसंघ की देन वीर लोकाशाह की है। इनका जैन धर्म पर बहुत उपकार है।

मंत्री कन्हैयालाल सुराणा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए चारमाह के चातुर्मास में आयोजित सभी कार्यक्रमो की याद दिलाकर सभी के दिलों को प्रफुल्लित कर दिया। इस अविस्मरणीय, आध्यात्मिक, ज्ञाना वर्धनीय चातुर्मास की सफलता हेतु साध्वीश्री प्रतिभाश्री जी म सा व समस्त साध्वी मंडल की विजयनगर पर इस महत्ती कृपा हेतु, हृदय की असीम गहराई से कृतज्ञता ज्ञापित की। किसी भी प्रकार से चातुर्मास दरम्यान अविनय अशातना हेतु क्षमा याचना की! साध्वी मंडल ने भी विशाल हृदय से क्षमा करते हुए समस्त संघ से क्षमा याचना की।

संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार कोठारी ने सफलमम चातुर्मास हेतु सभी को बधाई देते हुए सभी का अभिनंदन करते हुए धन्यवाद दिया। सभी सहयोगी शाखाओं ,सभी दानदाताओं तथा सभी के प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष सहयोग हेतु धन्यवाद दिया।

  युवा संघ के अध्यक्ष पारस मेहता,मंत्री शंकरलाल दक, महिला अध्यक्षा कमला बाई बोहरा, मंत्री मंजुबाई बांठिया, बहु मंडल की अध्यक्षा अनिता कोठारी, मंत्री मंजू पोडवाड़, कन्यामण्डल अध्यक्षा मुस्कान पोडवाड़, मंत्री कृतिका बडेर का उत्कृष्ठ सेवाओं हेतु संघ की ओर से वीर लोकाशाह सेवा अवार्ड से सम्मानित किया गया। तपश्या के तहत विमल पीतल्या ने दो माह तक लगातार आयम्बिल का तप तथा नरपतसिंह भलगढ़ को चारमाह के एकासन तप हेतु,एवं चातुर्मास के दरम्यान प्रतिक्रमण कंठसस्थ याद करने वाले 20 व्यक्तियों को उत्तराध्यायन तथा पूछीसुनम इत्यादि स्वाध्याय सीखने वाले 8 जनों को एवं निरंतर एकान्तर की तपस्या, वर्षीतप करने वालों को व पर्युषण के आठों दिन अति सुंदर व स्पस्ट प्रतिक्रमण करवाने हेतु अशोक संचेती को वीर लोकाशाह अवार्ड से सम्मानित किया गया। सभी सेवादारों हलवाई मघराज जी व सभी टीम, भोजनशाला की देखरेख हेतु पुसराज जी सिंघवी, मदन बहादुर व सभी का संघ की ओर से साल माला व नगद राशि से सम्मान किया गया।

आशाबाई चोपड़ा, लीलाबाई बोहरा, किरणबाई भंडारी, प्रेमलता बाई रांका, सीमा मेहता, पवन रांका, चेन्नई से रक्षिता कोठारी, महिला मंत्री मंजुबाई बांठिया, कन्यामण्डल से मुस्कान पोडवाड़ ने गीतिका के माध्यम से विदाई गीत व कृतज्ञता के भाव रखें! तेजराज बांठिया, कांतिलाल गांधी, युवासंघ से अध्यक्ष पारस मेहता व मंत्री शंकरलाल दक ने साध्वीश्री के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए अविनय अशातना के लिए क्षमा याचना की। जैन कांफ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष एवं विजयनगर संघ के निवर्तमान अध्यक्ष पूखराज मेहता ने कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए इस अविस्मरणीय चातुर्मास हेतु संघ के समस्त कार्यकारिणी, सभी सहयोगी शाखाओं को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया। विजयनगर संघ का बहुत गौरव बढ़ाने हेतु हृदय से आभार प्रकट किया।एवं कल ता 9 मंगलवार को प्रातः 8 बजे स्थानक भवन से अपने निवास स्थान पर प्रथम विहार करने की सूचना के साथ सभी को अधिक से अधिक विहार में पधारने का निमंत्रण दिया। राजस्थान पत्रिका के संयोजक योगेश जी ने संघ के आमंत्रण पर पधारकर संघ को गौरवान्वित किया इस हेतु संघ की ओर से अभिनंदन किया गया।

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