श्री यस यस जैन संघ नार्थ टाउन के तत्वावधान में चातुमासार्थ विराजित गुरुदेव जयतिलक मुनिजी ने प्रवचन में फरमाया कि वृक्ष अश्रयदाता है। तीर्थकर भगवान कहते है वृक्ष की आश्रय लेकर अपना जीवन व्यतीत कर लो। कहते है शुभ कभी मंगल लाता है। लम्बे समय तक दुख नहीं आने देता। मंगल स्वप्न देखने पर निद्रा का त्याग करे और ब्रह्म मुहूर्त में उठकर धर्म ध्यान करें।
मंगल वेला का धर्म ध्यान उत्तम कोटी का हो जाता है। सुबह के समय विचार भी अच्छे आते है उस समय मन दिव्यवता से जुडा रहता है पुण्यवाणी से रहित भाग्य बंजर भूमि के समान होता है । भूमि को उत्तम उपजाऊ भूमि पुरुषार्थ से होता है।
पुरुषार्थ करने वाला मेहनत करने वाले के पास पुण्य- वाणी प्राप्त हो जाती है। जो व्यक्ति जैसा विचार करता है उसे वैसे स्वप्न आने लग जाते है। धर्म स्थान में धर्म ध्यान करने – आते है और यह चिंतन करना हमें धर्म प्रवचन सुनने को मिलता है।
संघ के कार्यकारिणी सदस्य ज्ञानचंद कोठारी को आज अठाई की तपस्या के पच्छखान गुरुदेव ने करवाया। नार्थ टाउन संघ की और से उनका शाल, माला व स्मृति चिन्ह से सम्मान धर्मीचंद रांका ने किया।
दर्शना कोठारी ने तपस्या गीत प्रस्तुत किया। अध्यक्ष अशोक कोठारी ने तपस्या की अनुमोदना करते हुए मंगल कामना की।
महावीर इंटरनेशनल चेन्नई मेट्रो के सचिव दिलीप मेहता ने चेयरमैन ज्ञानचंद कोठारी की तपस्या पर साल व माला से अभिनंदन किया।