वेलूर. यहां शांति भवन में चातुर्मासार्थ विराजित मुनि कल्पज्ञविजय ने गुरु पूर्णिमा पर्व की महिमा पर प्रकाश डालते हुए श्रावकों से गुरुओं के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने का संदेश दिया और कहा मानव का गुरु के बिना जीवन अंधकारमय है।
ऋषि मुनियों के इस देश में गुरु का बड़ा महत्व होता है। जीवन को संयोजित करने में गुरु की अति महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गुरु बिना न आत्मदर्शन और न ही परमात्मा का दर्शन संभव है।
गुरू वह सेतु है जो परमात्मा और धर्म के के बीच फासला नहीं होने देते। गुरु जीवन का मूल होते हैं। वे हमारे जीवन को सकारात्मक दिशा देते हैं। जो गुरु सेवा नि:स्वार्थ भाव से करते हैं, वे हमेशा आध्यात्मिक प्रगति करते हैं।
गुरु हैं तो सब कुछ है उनके बिना जीवन दुखमय व अंधकारमय होता है। व्यक्ति गुरु के बिना दिग्भ्रमित व दिशाहीन हो जाता है। उनसे ही हमारा सन्मार्ग, मोक्षमार्ग प्रशस्त होता है।