आचार्य श्री भिक्षु का 294 जन्म दिवस एवं 262 वाॅ बोधि दिवस का आयोजन
आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री रमेशकुमार के सान्निध्य में आज आचार्य भिक्षु का 294 वाॅ जन्म दिवस एवं 262 वाॅ बोधि दिवस का आयोजन ट्रिप्लीकेन स्थित एस एस जैन तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ।
आज के दिन के महत्व को रेखांकित करते हुए मुनि श्री रमेशकुमार ने कहा कि – सत्य प्रेमी प्रायः सभी होते हैं परन्तु सत्य की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान देने वाले बहुत कम होते हैं। सत्य के लिए बलिदानी देने वालों में आचार्य भिक्षु का नाम सर्वोपरि है।
सुख- सुविधा, प्राप्त प्रतिष्ठा, चिरपालित परम्पराओं को ठुकरा ने वाले विरल ही होते हैं। आचार्य भिक्षु उन विरल पुरुषों में एक थे। *सत्य के प्रति जितनी निष्ठा उनके हृदय में विद्यमान थी, असत्य के प्रति उतनी ही घृणा थी।सत्य के अद्वितीय नम्र भक्त थे, तो असत्य के उतने ही कठोर आलोचक थे।
मुनि सुबोध कुमार जी ने कहा- आचार्य भिक्षु अद्वितीय अलौकिक महापुरुष थे। आज उनका जन्मदिन भी है और आज के दिन उन्हें बोधि की प्राप्ति भी हुई। बोधि का तात्पर्य है तीसरे नेत्र का खुलना। बोधि प्राप्ति के पश्चात सत्य के प्रति समर्पित साधना के क्षेत्र में आगे बढे़। बोधि के बिना सत्य की प्राप्ति नहीं होती।
इससे पूर्व तेरापंथ महिला समाज टिप्लीकेन की बहिनों ने भिक्षु अष्टकम से मंगलाचरण किया। मुनि रमेश कुमार जी ने आचार्य भिक्षु का प्रबल प्रभावी मंत्र का सामूहिक जप कराया। आचार्य श्री भिक्षु के जन्मदिवस पर चैन्नई में सवा पांच करोड़ का जपानुष्ठान का शुभारंभ भी हुआ।
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श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, चेन्नई
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आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति