चैन्नई प्रवासी (चाडवास निवासी) श्रद्धाशील श्रावक श्री प्रदीपकुमार को आज बुधवार प्रातः 9:21 बजे आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री रमेशकुमार ने चौविहार संथारे के प्रत्याख्यान करायें । दो दिन पूर्व प्रदीप कुमार जी ने तिविहार संथारा ग्रहण किया था ।
श्रद्धाशील श्रावक प्रदीप कुमार साहित्यकार स्व• पुनमचन्द जी बच्छावत के पौत्र एवं श्रद्धानिष्ठ श्रावक स्व• भंवरलाल जी बच्छावत और श्रद्दा की प्रतिमूर्ति सोहनीदेवी बच्छावत के सुपुत्र है। इनका जीवन प्रारम्भ से ही धार्मिक रहा है। धर्म के संस्कार, सेवा भावना एवं संघ निष्ठा इन्हें विरासत में प्राप्त हुई। तीव्रतम वेदना को समता से सहन करते हुए आपने उच्च परिणामों से संथारा ग्रहण करके मानव जीवन को सफल एवं सार्थक बनाया है।
मुनि रमेश कुमार जी ने स्थिति को देखकर प्रदीप जी की भावना के समझ कर परिजनों की सहमति से चौविहार संथारे के त्याग करायें।
इस अवसर पर प्रदीप जी की धर्मपत्नी श्रीमती मंजू बच्छावत, पुत्र विनय कुमार, विवेक कुमार बच्छावत के अलावा परिवार के एवं जैन तेरापंथ समाज के लोग भी उपस्थित थे