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ज्ञान वाणी

महातपस्वी महाश्रमण से मंगलपाठ श्रवण कर हजारों श्रद्धालुओं ने किया नववर्ष का आगाज 

महातपस्वी महाश्रमण से मंगलपाठ श्रवण कर हजारों श्रद्धालुओं ने किया नववर्ष का आगाज 
कडलूर (तमिलनाडु): वर्ष 2019 का प्रथम दिन मंगलवार और मंगलवार को तमिलनाडु राज्य के कडलूर नगर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में बने फादर मेरिडोस आॅडिटोरियम में देश भर से जुटे हजारों श्रद्धालुओं ने जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ ग्यारहवें देदीप्यमान महासूर्य, भगवान महावीर के प्रतिनिधि, अहिंसा यात्रा के प्रणेता महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगलवाणी से नववर्ष 2019 का प्रथम मंगलपाठ का श्रवण कर वर्ष 2019 का  आध्यात्मिक आगाज किया।
आचार्यश्री ने श्रद्धालुओं को नववर्ष का मंगलपाठ ही अपितु मंगल संदेश के साथ वर्ष 2019 के लिए कोई भी एक अच्छा संकल्प स्वीकार करने की प्रेरणा के साथ अपनी ओर से प्रतिदिन 15 मिनट स्वाध्याय में लगाने का मंगल पाथेय भी प्रदान किया। अपने आराध्य की इस महती कृपा को प्राप्त कर हजारों हृदय आध्यात्मिक ऊर्जा की अनुभूति कर रहे थे तो हजारों-हजारों नेत्र इस पल को साक्षात निहार तृप्ति का अनुभव कर रहे थे। 
वर्ष 2019 का शुभारम्भ मंगलवार को दिन से हुआ। कडलूर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में विराजमान आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि में उपस्थित होने और अपने नववर्ष का आध्यात्मिक शुभारम्भ करने तथा अपने आराध्य से नववर्ष का मंगलपाठ लेने के लिए 31 दिसम्बर की रात से ही श्रद्धालुओं के जो आने का क्रम आरम्भ हुआ, वह एक जनवरी को भी अनवरत जारी था। श्रद्धालुओं का उमड़ता हुजूम पूरे कडलूर को महाश्रमणमय बना रहा था। भले ही लोगों के आवागमन का रास्ता अलग-अलग हो, किन्तु सबके पहुंचने का एक ही टिकाना था, वह था महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी की मंगल सन्निधि। 
पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार ग्यारह बजे से प्रातः का मंगल प्रवचन कार्यक्रम आयोजित होना था, लेकिन सूर्योदय से पूर्व ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपने आराध्य की मंगल सन्निधि में उपस्थित हो चुके थे। प्रातः अपने आराध्य के चरणस्पर्श कर लोग प्रवचन स्थल की ओर प्रस्थित हुए। निर्धारित समय पर आचार्यश्री का फादर मेरिडोस आॅडिटोरियम में पधारे तो पूरा आॅडोटिरयम ‘जय-जय ज्योतिचरण, जय-जय महाश्रमण’ के बुलंद जयघोष से गूंज उठा। 
आचार्यश्री ने मंगल महामंत्रोच्चार के साथ नववर्ष 2019 के अपने प्रथम मंगल प्रवचन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। आचार्यश्री ने कडलूरवासियों को सम्यक्त्व दीक्षा प्रदान की तो उपस्थित चतुर्विध धर्मसंघ ने आचार्यश्री को त्रिपदी वन्दना की। इसके उपरान्त आचार्यश्री ने नववर्ष के मंगलपाठ प्रदान करने से पूर्व उसके संदर्भ में पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि मंगलपाठ में आर्षवाणी श्लोक के रूप में है। इसके द्वारा महान पवित्रात्माओं का स्मरण करते हैं, ताकि उनका प्रभाव हम सभी की आत्मा पर भी पड़ सके और हमारी आत्मा की बुराइयां समाप्त हो जाएं। हम सभी पवित्रात्माओं से आशीष प्राप्त करने का प्रयास करें।
तत्पश्चात् आचार्यश्री ने पूर्व घोषित समय 11.21 बजे मंगलपाठ का उच्चारण आरम्भ किया तो उपस्थित चतुर्विध धर्मसंघ करबद्ध खड़े होकर आचार्यश्री से मंगलपाठ का श्रवण किया। मंगलपाठ उच्चारण के साथ आचार्यश्री ने एक और पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि नववर्ष की शुरूआत में कुछ अच्छे संकल्पों के साथ भी होना चाहिए, इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने विचार के अनुसार कोई भी एक संकल्प स्वीकार कर सकता है और उसे वर्ष भर पालने का प्रयास कर सकता है। मेरी ओर से सुझाव यह है कि इस वर्ष प्रतिदिन 15 मिनट स्वाध्याय में लगाने का प्रयास करें। लोगस्स में वर्णित 24 तीर्थंकरों स्तुति को विस्तार से वर्णन किया और शांतिमय जीवन जीने का पाथेय प्रशस्त किया। आज के दिन भगवान पाश्र्व का दीक्षा दिवस था तो आचार्यश्री ने प्रभु पाश्र्वदेव चरणों में शत-शत प्रणाम हो गीत का संगान किया। 
ईरोड से संबंधित मुमुक्षु आकाश को आचार्यश्री ईरोड में आयोजित अक्षय तृतीया के दिन ही मुनि दीक्षा प्रदान करने की घोषणा की तो एकबार पुनः पूरा प्रवचन पंडाल ‘ऊँ अर्हम्’ की मंगल ध्वनि से गुंजायमान हो उठा। तत्पश्चात् महाश्रमणी साध्वीप्रमुखाजी ने भी उपस्थित लोगों को नववर्ष 2019 पर पावन पाथेय प्रदान किया। कार्यक्रम के अंत में जैन विश्व भारती द्वारा भक्तामर के अंग्रेजी संस्करण को जैन विश्वभारती के पूर्व अध्यक्ष श्री धर्मचंद लुंकड़, श्री रमेश बोहरा, बेंगलुरु चतुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मूलचंद नाहर, व श्री महेन्द्रश्रीमाल ने आचार्यश्री के समक्ष लोकार्पित की।
इस दौरान आचार्यश्री की रोज की एक सलाह के कन्नड़ भाषा में अनुवाद तथा तमिल भाषा में अनुवादित इस कैलेण्डर का लोकार्पण जैन विश्व भारती के दोनों पूर्वाध्यक्षों, बेंगलुरु प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री मूलचंद नाहर, अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष श्री विमल कटारिया व महासभा के ट्रस्टी श्री ज्ञानचंद आंचलिया आदि लोगों द्वारा किया गया। 

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