“भाग्य उदय का पर्व मनाने काशी आएं, पूज्य गुरुदेव का आशीष पाएं”
सिहाग परिवार ने लिया नौ दिवसीय देवी भागवत एवं हवन यज्ञ अनुष्ठान सम्पन्नता के बाद गुरुपूजन–आरती का लाभ
कीकरवालारूपा गांव की श्रद्धामय भक्ति पर राष्ट्रसंतजी बोले, अब यह कस्बा कीकरवालाकृपा गांव के रूप में जाना जाएगा
कनाडा, यूएसए, यूके से भी पहुंचे गुरुभक्तों ने भी लिया पूज्य गुरुदेव की चमत्कारिक कृपा का आशीर्वाद
अब होगी काशी में वैश्विक स्तर की भैरवाष्टमी महापर्व की धर्म, अनुष्ठान, आराधना की अलौकिक धूम
कृष्णगिरी। श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधिपति, राष्ट्रसंत, सर्वधर्म दिवाकर पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ. वसंतविजयजी म.सा. के भव्यातिभव्य गुरुपूजन आरती का लाभ यहां श्रीमती सुनीता मनमोहन, श्रीमती रानीदेवी अमित सिहाग परिवार ने लिया।
इस दौरान पूज्य श्रीजी ने उपस्थित समस्त हज़ारों भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्रदान किया। कार्यक्रम में कनाडा, यूएसए, यूएस व भारत के पंजाब प्रांत सहित बीस राज्यों से श्रद्धालु गुरुभक्त शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कीकरवालारूपा वासियों की श्रद्धामय भक्ति की अनुमोदना करते हुए कहा कि अब यह गांव कीकरवालाकृपा नाम से पहचाना जाना चाहिए, क्योंकि अब यहां देवी मां पद्मावती के साथ गुरूकृपा की वर्षा हो चुकी है तो निश्चित ही सदैव सुख समृद्धि व खुशहाली की फसल ही खेतों में लहलहाएगी। समस्तजनों को सदैव प्रेमपूर्वक, समन्वय से प्रसन्नचित्त रहते हुए मनुष्य जीवन को सार्थक करने की प्रेरणाभरी सीख दी। डॉ वसंतविजयजी म.सा. ने कहा कि भक्ति की तरंग व्यक्ति का कल्याण करती है। इसे जानने, समझने के लिए ही संतों की निश्रा व देवी–देवताओं की महिमा गुणगान की कथा श्रवण जरुरी है।
उन्होंने स्थानीय सिहाग परिवार द्वारा कीकरवालारूपा में पहली बार ऐतिहासिक रूप से आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद देवी भागवत महापुराण एवं हवन यज्ञ अनुष्ठान की पूर्णाहुति के बाद कहा कि उनकी अतिदिव्य साधना के साथ भक्ति व आराधना के क्रम में अनेक श्रद्धालू लाभान्वित हुए हैं व होते रहेंगे। आध्यात्म योगीराज पूज्य गुरुदेव ने कहा कि संत की कृपा, कथा श्रवण का पुण्य व देवी मां पद्मावतीजी के नाम से ही संसार के समस्त सुखों की प्राप्ति संभव है। सर्वथा हाथ में फल रखने वाली एकमात्र श्रीआदिशक्ति जगतजननी मां पद्मावतीजी व्यक्ति के पाप, ताप व संताप मिटाकर सर्वदा चमत्कारिक सुफल ही प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि श्रेष्ठ साधक संतों के सान्निध्यरुपी क्षण को तथा अन्न के कण को कभी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। संतश्रीजी बोले कि भक्ति मीरा जैसी करेंगे तो, श्रीकृष्ण को भी प्रकट होते देर नहीं लगेगी। वे यह भी बोले कि भगवान की कथा अमृत से भी मीठी होती है। इसके श्रवण के लिए व्यक्ति का तन, मन और वाणी का पवित्र होना आवश्यक है। भगवती की कथा श्रवण से व्यक्ति में सदाचार एवं विवेक का गुण आता है। इससे पूर्व उन्होंने मनुष्य के शरीर को मंदिररुपी घर बताते हुए श्रीगणेश, बटुक भैरव, कन्या पद्मावती, महालक्ष्मी, धरनेंद्र–पद्मावती व शिव–पार्वती की प्रतिरुप पूजा विधि भी सम्पन्न की। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू ट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया गया। राजस्थान एवं दिल्ली के अनेक कलाकारों ने विभिन्न सांस्कृतिक झांकियां तथा संगीतमत भक्ति प्रस्तुत की।
भैरवाष्टमी महापर्व की अलौकिक विश्वस्तरीय धूम 9 नवंबर से..
राष्ट्रसंत, मंत्र शिरोमणि परम पूज्य गुरुदेवश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब की पावन निश्रा में आगामी 9 से 16 नवंबर तक भैरवाष्टमी महापर्व की धूम उत्तरप्रदेश के काशी शहर (वाराणसी) में आयोजित होगी। इस दौरान धर्म, हवन–अनुष्ठान, भैरव महापुराण, साधना–आराधना एवं भक्ति के कीर्तिमान रचे जाएंगे। लाखों श्रद्धालुओं के लिए राजशाही भंडारा नियमित रूप से आठ दिनों तक जारी रहेगा।
बाबा काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर व गंगा घाट के समीप पहली बार भैरवदेवजी की अतिविराट ऐतिहासिक 108 फीट की ऊंची प्रतिमा के साथ-साथ 9–9 फीट की 11 भैरव प्रतिमाएं स्थापित होगी। यही नहीं 1,08,000 भैरव मूर्तियां भी चार-चार फीट की श्रद्धालु भक्तों के कर कमलों से ही पवित्र गंगा की मिट्टी से निर्मित होगी। इस अलौकिक भक्ति, पूजन, अनुष्ठान आराधना में भैरवकृपा एवं गुरु कृपा प्रसाद पाने के लिए 90513 90513 मोबाइल से संपर्क करके पंजीयन करवा कर काशी पहुंचा जा सकता है।