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“कनेक्ट” थीम पर आधारित होगा ऐतिहासिक और अनूठा आयोजन

“कनेक्ट” थीम पर आधारित होगा ऐतिहासिक और अनूठा आयोजन
कुम्बलगोडु, बेंगलुरु (कर्नाटक): धर्म में आस्था, संगठन से जुड़ाव और अपने से मिलने की भावना प्रगाढ़ होती है तो आदमी सात समुन्दर पार भी पहुंच सकता है। कभी अपने व्यावसायिक, शिक्षा तथा अन्य किसी माध्यम से भारत की धरती से दूर किन्तु अपनी भारतीयता को हृदय में जागृत करने, अपने संस्कारों को पुष्ट बनाने, अपने देव, गुरु और धर्म के प्रति अपनी आस्था का समर्पण करने तथा अपने संघ से मजबूती के साथ जुड़ने के लिए जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशमाधिशास्ता, अखण्ड परिव्राजक, शांतिदूत, महातपस्वी आचार्यश्री महाश्रमणजी की पावन सन्निधि में ऐतिहासिक रूप से चैदह देशों में निवासित कुल 113 अप्रवासी तेरापंथी लोग पहुंच रहे हैं। संस्था शिरोमणि जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्वावधान में “कनेक्ट” थीम पर आधारित इस द्विदिवसीय एन.आर.आई. समिट को लेकर भारत में ही नहीं विदेशों में भी उत्साह चरम पर है।
वर्षों से विदेशी धरती पर रहते हुए भी अपनी भारतीयता, अपने संस्कारों और अपने धर्म में आस्था रखने वाले विदेशी तेरापंथी परिवारों को सामाजिक, धार्मिक और आध्यात्मिक स्तर पर मजबूती के जोड़ने और एक मंच पर साथ लाने की परिकल्पना हुई तो तेरापंथ धर्मसंघ की संस्था शिरोमणि उपमा को धारित करने वाली जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा ने इस परिकल्पना को साकार करने की ठानी।
परम पूज्य आचार्यश्री महाश्रमणजी के पावन आशीष से जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्वावधान में आगमी तीन अगस्त से द्विदिवसीय एन.आर.आई. समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस समिट के संयोजक व प्रायोजक श्री सुरेन्द्र पटावरी जो स्वयं बेल्जियम में प्रवासित हैं।
उन्होंने बताया कि पहली तेरापंथ एन.आर.आई. समिट हम अप्रवासी तेरापंथी परिवारों के लिए एक स्वर्णिम अवसर है। अपने गुरु के दर्शन, धार्मिक गतिविधियों को निकटता से देखने और अपने समाज के साथ मजबूत संबंध बनाने को लगभग सभी अप्रवासी तेरापंथी परिवारों का उत्साह, उल्लास और उमंग अपने चरम पर है। इस कार्यक्रम में 14 देशों से 113 प्रतिनिधियों के पहुंचने की संभावना है।
उत्साह का आलम यह है कि कई परिवार तो अभी से आचार्यश्री के पावन सान्निध्य में उपस्थित होने लगे हैं।  “कनेक्ट” थीम पर आधारित इस द्विदिवसीय एन.आर.आई. समिट में सभी लोगों को एक मंच पर लाने, अपने धर्म और अपने सामाज के साथ पूर्ण रूप से जुड़ने, अपने तेरापंथी भाई-बंधुओं ने मजबूत संबंध बनाने और उनके धार्मिक-आध्यात्मिक प्रगाढ़ता बढ़ाने को प्रेरित किया जाएगा।
यह शायद तेरापंथ के इतिहास का पहला ऐसा अवसर होगा जब इतनी संख्या में एक साथ विदेशी तेरापंथी सदस्य आचार्यश्री की पावन सन्निधि में उपस्थित होंगे। यह प्रयास न केवल सामाजिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से काफी महत्त्वपूर्ण है। यह प्रयास तेरापंथ धर्मसंघ की उत्तरोत्तर प्रगति में सहयोगी होगा।
                  🙏🏻संप्रसारक🙏🏻
            *सूचना एवं प्रसारण विभाग*
         *जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा*

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