चेन्नई. पुरुषवाक्कम स्थित एएमकेएम में विराजित साध्वी कंचनकंवर के सानिध्य में साध्वी उमरावकंवर ‘अर्चनाÓ के 18वें जन्मोत्सव का दूसरा दिन दान दिवस के रूप में मनाया गया। टीम सिद्धा एवं महावीर इंटरनेशनल साउथ चेन्नई के तत्वावधान में आयोजित रक्तदान शिविर में ५२ लोगों ने रक्तदान किया।
इस मौके पर साध्वी डॉ. सुप्रभा ने कहा आगमों में दान का बहुत महत्व बताया है। दान से धन घटता नहीं है। दीन-दुखियों का सहयोग करते रहना चाहिए। दान देने से भगवान महावीर के तीन सिद्धांतों अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह का पालन होता है। दान दें तो उसने अपनी प्रतिष्ठा की आकांक्षा न करें, गुप्त रूप से छिपाकर दें, छपवाकर नहीं और इसके उपरांत प्रसन्नता के भाव रखें। जब भी दान का प्रसंग आए तो जरूरतमंदों का दुख दूर करने का प्रयास करें।
उन्होंने व्यक्ति के तीन दुष्कर ऋणों में से माता-पिता और गुरु के ऋण होने के बारे में बताया। माता-पिता का पालन-पोषण करके, उनका यश बनाए रखकर और उन्हें धर्म के प्रति दृढ़ बनाकर ऋण से मुक्त हो सकते हैं। जब भी गुरु की धर्म के प्रति आस्था कम हो तो शिष्य उन्हें धर्म के प्रति दृढ बनाकर अपना ऋण उतार सकता है।
साध्वी डॉ.उदितप्रभा ने कहा व्यक्ति जीवनभर मधुमक्खियों की भांति 18 पापों का सेवन कर जीवन में धनोपार्जन करता है लेकिन अपने संपूर्ण जीवन में भी वह उस संपत्ति का 30 प्रतिशत भी उपभोग नहीं कर पाता और बाकी 70 प्रतिशत से अधिक संपत्ति यंू ही पड़ी रह जाती है और उसका उपभोग दूसरे करते हैं। उसे अर्जित करने में आपने जो पाप किए हैं वह आपको ही भोगने पड़ेंगे। प्रभु ने कहा है कि अपनी संपत्ति को सुकृत में उपयोग कर पुण्यानुबंधी पुण्य का उपार्जन करें। संपत्ति को सद्कार्यों में लगाने से पाप मिट जाते हैं।
अपनी पंूजी को इक_ी ही नहीं करें बल्कि उसे सुकृत्यों में खर्च करेंगे तो वह विष भी रसायन बन जाएगा।
धर्मसभा में साध्वी डॉ.सुप्रभा की सांसारिक बहनें कमलाबाई, शकुंतला पोरवार, अशोक छाजेड़, गणपत सिंघवी, सरिता श्रीश्रीमाल, रमेश कांकलिया, सुरेन्द्र मेहता, महेन्द्र चोरडिय़ा के अलावा जोधपुर, छत्तीसगढ़, राजस्थान अनेक स्थानों से श्रद्धालु उपस्थित थे। टीम सिद्धा के अंकुश गादिया ने साध्वी उमरावकंवर ‘अर्चनाÓ के जीवन पर विचार रखे।
चातुर्मास समिति द्वारा शिविर में सेवा देने वाले चिकित्सकों का सम्मान किया गया और रक्तदान करने वालों को प्रमाणपत्र व अर्चना प्रीमियर लीग व रोल द कर्मा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार बांटे गए। सोमवार को महासती के जन्मोत्सव के अंतर्गत तीसरे दिन सेवा दिवस में निशुल्क होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर लगाया जाएगा।