माधावरम् स्थित जैन तेरापंथ नगर के महाश्रमण समवसरण में आचार्य श्री महाश्रमण ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदमी के मन में शांति से जीने की कामना हो सकती हैं| शांति में जो सुख होता है, वह भौतिक पदार्थों से नहीं हो सकता| प्रश्न है शांति कैसे मिले? एक होती है सुविधा, दूसरी होती हैं शांति| पदार्थों से सुविधा मिल सकती हैं, पर शांति पाने के लिए अध्यात्म के मार्ग पर चलना होगा|
जप, स्वाध्याय से शांति मिल सकती हैं| व्यक्ति अहिंसा, नैतिकता और संयम के पथ पर चलें|
आचार्य श्री ने आगे कहा कि अभी अहिंसा यात्रा चल रही हैं| इसमें तीन बातें, सद्भावना, नैतिकता और नशा मुक्ति की बताई जा रही हैं| व्यक्ति जो भी काम करे, ईमानदारी से करें| फिर भले वह राजनीति हो, समाज हो, व्यवसाय हो| व्यक्ति का व्यवहार अहिंसापूर्ण हो| शराब, बीड़ी, गुटका, खैनी आदि नशीले पदार्थों का सेवन न हो| इन तीन बातों के साथ आध्यात्मिक साधना चले, तो शांति का अनुभव हो सकता हैं|
आचार्य श्री ने आगे कहा कि आचार्य श्री तुलसी ने अणुव्रत के माध्यम से मानव को शांति और इंसानियत का रास्ता दिखाया| उन्होंने पंजाब की यात्रा भी की थी| आमेट में राजीव गांधी और संत लोगौंवाल के बीच समझौता करवाया था| संत लोगौवाल, सुरजीतसिंह बरनाला लगभग दो दिन आमेट में रहे थे| अनेक बार बातचीत हुई| आचार्य श्री तुलसी ने परामर्श दिया और समझोते की बात हुई| गुरुदेव तुलसी ने राष्ट्रीय की समस्याओं को सुलझाने मैं भी योगदान दिया| आचार्य श्री महाप्रज्ञजी ने भी अहिंसा और नैतिकता का प्रयास किया|
आचार्य श्री ने पंजाब से गुरू दर्शन यात्रा संघ के साथ आये हुए महामहिम राज्यपाल और ब्रह्मचारी के पंजाब आने के निवेदन करने आये हुए पर कहा कि आज राज्यपाल महोदय
श्री वी पी बदनौर एवं अग्नि अखाडा के महासचिव ब्रह्मचारी संपूर्णानंद पधारे हैं| 2014 में हम पंजाब जाकर आए हैं| पंजाब अच्छी भक्ति भावना वाला क्षेत्र हैं, जाने से उपकार हो सकता हैं| अभी तो 2021 का चातुर्मास भीलवाड़ा घोषित हैं| आगे की यात्रा अभी तय नहीं हैं| पंजाब के लोग सदैव सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति की भावना रखें| इसका अच्छा प्रचार हो, जीवन में संयम रहे और चेतना जागृतकर आत्मा का कल्याण करें| राज्यपाल महोदय आए हैं, अच्छा लगता है, राजनीति में भी शुद्धता चलती रहे|
याचक बनकर आया हूं, पंजाब पधारें : राज्यपाल
पंजाब सरकार के राज्यपाल महामहिम श्री वी पी सिंह बदनौर ने कहा कि मुझे कुछ बातें याद आ रही हैं| 2008 में आसीन्द में आचार्य श्री महाप्रज्ञजी मर्यादा महोत्सव करने हेतु पधारें थे| आपके भी दर्शन मुझे करने का अवसर मिला| आपका 2021 का चातुर्मास भीलवाड़ा घोषित हैं| भीलवाड़ा मेरी कर्म भूमि हैं| मैं वहां फिर आपकी सेवा में रहूंगा| पिछले दो साल से मैं चंडीगढ़, पंजाब का गवर्नर हूं| मैं भी यहां याचक बनकर आया हूं, की आप पंजाब पधारें| पंजाब में जैन समुदाय संख्या में छोटा हैं| पर सब साथ में रहते हैं| हम सब पुन: प्रार्थना करते हैं, कि आप पंजाब पधारें|
अग्नि अखाडा के महासचिव ब्रह्मचारी संपूर्णानंद स्वामी ने अपने भावों की अभिव्यक्ति देते हुए कहा कि जिनके दर्शन से आनंद की अनुभूति होती हैं| ऐसे संत के दर्शन से मेरा भाग्योदय हुआ हैं| मैं उल्लासित हूँ, जो मुझे ऐसा सौभाग्य प्राप्त हुआ| स्वामी ने आगे कहा कि जिनकी जनक जैसी सोच हैं, व्यवहार हैं, भाव हैं, नियम है, बातें हैं, जो राजा होकर भी साधुओं को समीप बैठाते हैं और जिनकी वाणी में संयमता हैं| मैं आपके दर्शनकर आनन्दित हूँ| मैं आपसे भिक्षा लेने आया हूँ, कि आप पंजाब पधारें| एक सन्यासी दूसरे सन्यासी की बात नहीं टालता| पंजाब को सद् मार्ग पर ले जाने का काम आप कर सकते हैं| आप मेरी भिक्षा को खाली नहीं जाने देंगे|
जीवन में संयम और अनुशासन है आवश्यक : साध्वी प्रमुखाश्री
साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा ने कहा कि ज्ञान का काम है प्रकाश करना| क्या उपयोगी है और क्या अनुपयोगी| अपने बारे में, जीवन के बारे में, ज्ञान के द्वारा जानकर आगे बढ़ सकते हैं| साध्वी प्रमुखाश्री ने आगे कहा कि तप काम है शोधन करना| आत्मा कर्म कर्मों के कचरे से मलिन हो जाती हैं| कचरे का ढेर जम जाता हैं| पर तप की ज्योति जलाने से शोधन होता हैं, पर वह आंशिक हैं| साथ में कचरा आने का रास्ता भी बंद करना होगा| उस का साधन हैं, संयम, संवर| संयम का प्रहरी जीवन के द्वार खडा है, तो अनपेक्षित कचरा नहीं आएगा| जीवन में संयम और अनुशासन आवश्यक हैं| संयम की चेतना जागृत हो जाए, तो आपदाएं दूर कर सुख में रह सकते हैं| अपने आप का बोध हो| संयम की चेतना से, अनुशासन की चेतना से, जीवन को सफल बनाएं|
चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष धर्मचंद लूंकड़, केवलचन्द माण्डोत आदि ने पंजाब के गवर्नर और ब्रह्मचारी संपूर्णानंद स्वामी का मोमेन्टों और साहित्य से सम्मान किया| श्री ललित दुगड़, मेघराज लुणावत, सभा मंत्री श्री विमल चिप्पड़ ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी| तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने सामूहिक गीतिका का संगान किया|
रविवार को दिक्षा महोत्सव में दीक्षा लेने वाले भाई बहनों का दोपहर को भव्य “वरघोड़ा” निकाला गया| रात्रिकालीन सत्र में “मंगलभावना समारोह” का आयोजन किया गया| सभी दीक्षार्थींयों को आचार्य श्री ने मंगल पाथेय प्रदान कर मंगल पाठ सुनाया|
तिरुपुर वासियों ने आगामी वर्धमान महोत्सव के बैनर एवं इरोड़ में अक्षय तृतीया महोत्सव के लोगो और बैनर का आचार्य श्री के सानिध्य में अनावरण किया गया| अक्षय तृतीया महोत्सव समिति के महामंत्री श्री रमेश पटवारी आचार्य श्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए ससंघ पधारने की विनती की| देश भर में वर्षितप की आराधना करने वाले तपस्वीयों को गुरुदेव की सन्निधि में पारणा करने हेतु इरोड़ पधारने का निवेदन किया| कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय गान के साथ हुआ| कुशल संचालन मुनि श्री दिनेश कुमार ने किया|
*✍ प्रचार प्रसार विभाग*
*आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति, चेन्नई*
स्वरूप चन्द दाँती
आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति