आचार्य भगवंत विश्वकल्याण सुरिश्वरजी के सानिध्य मे 82 दिवसीय “धर्म- चक्र तप” श्रीमती कल्पना जी बसवंतलालजी कोचर द्वारा संप्पन्न! लोणी (धामणी) – प्रतिष्ऱ्ठाचार्य, पुना जिला तिर्थउद्धारक आचार्य पु. विश्वकल्याण जी म.सा. आदि ठाणा लोणी धामणी मे चातुरमासार्थ विराजमान है! गुरुदेवने धर्म संदेश मे तप अनुमोदना कर सत्संग, तप, दान, धर्म, आराधना और संघटित रह कर कार्य करनेका एहलान किया! गुरुदेव के निश्रा मे श्रीमती कल्पना जी कोचर ने 82 दिवसीय “ धर्मचक्र- तप आराधना” कर एक उच्चांक प्रस्थापित कियाl
संघ समाज सह कोचर परिवारका नाम रोशन किया! इसके पुर्व अनेक 11 बार विविध तपधारणा कर आत्माका कल्याण किया है! श्री उव्वसग्गहरं तप, पॉंच मेरु पर्वत तप, शत्रुंजय गिरिराज तप, सौभाग्य तप, मेरुदंड तप, तीन उपध्यान तप(110 दिन)108 पार्श्वनाथ तप, अठाई तप पॉंच बार, 24 तिर्थंकर भगवान तप,आयंबील ओली तप 28 बार, वर्षितप, और अब 82 दिवसीय “ धर्म- चक्र” तप! ऐसे तपकी जितनी भी अनुमोदना करें कम है! 31 वर्ष पुर्व पतिराज स्व. बसवंतलालजी का निधन होने के पच्शात पुत्र कुणाल एवं पुत्री क्रुतिका की परवरिश, विवाह ऐसा माता- और पिता का रोल कल्पनाशील ने निभाकर उन्हें कार्यक्षम एवं संस्कार क्षम बनाया!
पिताश्री स्व. इंद्रभानजी एवं माताजी स्व. छटाकीबाई ने अपने7 पुत्र एवं 9 पुत्रियोंको संस्कारक्षम बनाया और आज सभी परिवारके सदस्य धर्म रुचि, जप तप आराधना को नियमित रुपसे करते है! श्रमण संघ एवं मंदिरमार्गी के अलावा वारकरी संप्रदाय की धर्म आराधना, किर्तन आदि में सदैव अग्रेसर रहना यह परिवारकी ख़ासियत है !
ऐसे पुरों परिवारके स्व. बसवंतलालजी कोचर का एक परिवार! तपगंगोत्री के तप अनुमोदना एवं अभिनंदन करने हेतु एवं आचार्यप्रवर पु. विश्वकल्याण सुरीश्वरजी के मंगल आशिर्वाद एवं दर्शन लेने हेतु सहपरिवार पहॅंचे आकुर्डी- निगडी- प्राधिकरण के संघाध्यक्ष सुभाष ललवाणी ज्यो कोचर परिवारके भाणेज है!