इंदौर। कृष्णगिरी पीठाधिपति, यतिवर्य, विश्वसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने मंगलवार को हृींकारगिरी तीर्थ धाम में अपने दिव्य भक्ति चातुर्मास के दौरान दैनिक प्रवचन मेें कहा कि मनुष्य को हर परिस्थिति में परमात्मा के प्रति विश्वास व श्रद्धा रखनी चाहिए। परमात्मा सरल, पवित्र व दिव्य भाव से प्रेम करने वालों के बहुत नजदीक होता है।
उन्होंने कहा कि परमात्मा के प्रति जो भी प्राणी विश्वास व श्रद्धा रखता है तो परमात्मा भी हर हृदय में आत्मा के रुप में सदैव मौजूद ही रहते हैं। डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने यह भी कहा कि परमात्मा ही अपने विश्वासपात्र की सहायता हर समय करते ही है।
परमात्मा की इस कृपा के प्रति हम सभी को कृतज्ञ ही रहना चाहिए। ट्रस्टी विजय कोठारी ने बताया कि इससे पहले प्रात: के सत्र में संतश्री वज्रतिलकजी की निश्रा में प्रतिक्रमण व सामूहिक भक्तामर मंत्र जाप किया गया।
धाम में प्रतिष्ठापित मूलनायक परमात्मा पार्श्वनाथजी की प्रतिमा का विधिकारक हेमंत वेदमूथा मकशी द्वारा 50 दिवसीय 18 अभिषेक करवाया गया।
भगवान पार्श्वनाथ महालक्ष्मी का मोक्ष कल्याणकारक 1008 नामों से महापूजन 8 को
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की महाअष्टमी गुरुवार, 8 अगस्त को हृींकारगिरी तीर्थ धाम में कृष्णगिरी पीठाधिपति विश्वसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. की पावन निश्रा में दोपहर डेढ़ बजे भगवान पार्श्वनाथ महालक्ष्मी का मोक्ष कल्याणकारक 1008 नामों से महापूजन अतिविशिष्ट दिव्यमंत्रित नामों से अभिषेक के साथ होगा।
महालक्ष्मी मां के दिव्य कमलात्मिका महामंत्रों से दिव्य महाहवन विधान चंदन, दुर्लभ औषधीय जड़ी-बूटियों, फल मेवों द्वारा किया जाएगा। मोक्ष कल्याणकारी निमित्त अति विशाल 108 किलो के लड्डू का भोग भी लगाया जाएगा।
श्री नगीनभाई कोठारी चैरिटेबल ट्रस्ट ह्रींकारगिरी इंदौर के ट्रस्टी जय कोठारी व वीरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि इस दौरान अद्भुत, अलौकिक हवन, दिव्य अभिषेक महामंगल विधान के साथ दोपहर तीन बजे से होगा।