हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना जगुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान है। वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं वह इस प्रकार हैं। बंधुओं जैसे समय के साथ चले समय आपका साथ देगा। समय के सही प्रबंध के लिए अपने नियमित देनिंदिनि समय सारणी बनाएं।
बंधुओं दुनिया में ऐसा कोई दिन नहीं होता जिस दिन 25 घंटे हो पर कार्य को व्यवस्थित ढंग से संपादित करके 24 घंटे में 25 घंटे के काम किए जा सकते हैं। ऐसा नहीं कि जब चाहे तब अपने कार्य करें समय की सीमा होती है। समय से कार्य करने वाला एक दिन में सो कार्य को पूर्ण करने में सफल हो जाता है। सुबह जल्दी जगने की आदत डाले मैं सुना करता हूं कि लोग सुबह 8:09 बजे तक उठा करते हैं ऐसा ना करें सूर्योदय के पूर्व जब सुबह के घरों में जाता हूं।
बच्चों के बारे में पूछता हूं तो जवाब मिलता है कि बच्चे सो रहे हैं सोचता हूं तब श्रावकजी कहते हैं आज संडे है और बच्चों को आज ही टाइ मिलता बच्चे सो रहे हैं पर ऐसा नहीं जीवन में भागदौड़ सदा चलती है।
रविवार को तो विशेष रूप से और जल्दी उठाएं क्योंकि जिन कार्यों को आप सप्ताह भर में नहीं कर पाए। वह काम संडे के दिन अवश्य पूरा कर सकते हैं और बच्चों पर ध्यान दे सकते हैं। पत्नी पर माता-पिता पर ध्यान दे सकते हैं।
समय पर भोजन करें जो समय आपने भोजन के लिए निर्धारित किया उस वक्त चाहे जो कर रहे हो उसे रोकने और भोजन कर ले। शाम के समय भी खाना खा लो ताकि दूध अन्य कुछ तरल पदार्थ लेने के लिए समय बचा रहे है। उसी टाइम अगर ध्यान देंगे और अपना काम करेंगे तो हमारा काम सही ढंग से होगा। जीवन का उपयोग करना बहुत सरल हो जाएग एवं बच्चों की धर्म ज्ञान के लिए अपनी आदत जरूर बनाएं।