जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु ने आचार्य हीराचन्द्रजी म.सा का 62 वां दीक्षा दिवस स्वाध्याय दिवस के रुप मे स्वाध्याय भवन, चेन्नई मे मनाया |
वरिष्ठ स्वाध्यायी आर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने तेतली पुत्र का स्वाध्याय व अनुप्रेक्षा की | उपस्थित श्रद्धालुओं ने हीरा चालीसा करते हुए स्तुति की |
श्राविका रत्ना पुष्पलताजी गादिया, श्राविका मण्डल की पूर्व मन्त्री शशिजी कांकरिया, वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री लीलमचन्दजी बागमार,तपस्वी कांतिलालजी तातेड़,श्रावक रत्न इंदरचंदजी कर्णावट,श्रावक संघ तमिलनाडु के कोषाध्यक्ष गौतमचन्द जी मुणोत ने भावभरी रचनाओं व गद्य-पद्य प्रस्तुत करते हुए आचार्य भगवन्त के गुणगान किये |
दीक्षा दिवस का संचालन करते हुए श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने आचार्य हीराचन्द्र के बाल्य काल से वैराग्य व प्रतिपल जागृतिपूर्ण संयममय जीवन के विभिन्न संस्मरणों को धर्मसभा मे रखते हुए बालक हीरा के पिता मोतीलाल के द्वारा जिनशासन की अमूल्य सेवा व गुरुनिष्ठता का उल्लेख किया, आचार्य हस्ती व आचार्य हीरा की जन्मभूमि में हुए स्थानकवासी परम्परा के अनेक महापुरुषों के चातुर्मासों की जानकारी देते हुए रत्न स्वर्ण वर्ष के अवसर पर तमिलनाडु मे एकान्तर उपवास करने वाले तपस्यार्थियों की श्रावक संघ की ओर से साता पूछते हुए साधुवाद ज्ञापित किया |
गुरुभ्राता श्री विनोदजी जैन ने अनेक घटनाओं का उल्लेख करते हुए विशेष रुप से 62 की संख्या का जोड़-गुणा- घटत आदि विभिन्न रुप से जैन धर्म अनुसार बताते हुए गुणगान किये | श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु के सचिव महावीरचन्दजी कर्णावट ने भाव भरे उदगार व्यक्त किये|
स्वाध्यायी दीपकजी श्रीश्रीमाल ने अपने जीवनकाल मे इस वर्ष आचार्यश्री के प्रथम बार दर्शन करते समय हुए अनुभव धर्म सभा मे रखे | स्वाध्यायी महावीरचन्दजी लोढा ने गुरुदेव के उपकारों का उल्लेख किया | एकान्तर की तपस्या करने वाले आध्यात्मिक शिक्षण बोर्ड के संयोजक अशोकजी बाफना ने गुणगान करते हुए कहा कि गुरदेव के प्रति समर्पण भाव हो ऐसे विशेष प्रयास करने चाहिए स्वाध्यायी श्री महावीरचन्दजी बागमार ने पावन प्रसंग पर विशेष रुप से शुभ संकल्प करने का निवेदन किया |
अखिल भारतीय श्राविका मण्डल की अध्यक्षा संगीताजी बोहरा व निर्देशिका श्रीमती मधुजी सुराणा ने संघ सेवा व आचार्य भगवन्त की व्यसनमुक्ति की प्रेरणा पर जोर देते हुए गुणगान किए | श्राविका श्रीमती बसन्तीदेवीजी कर्णावट ने आचार्य भगवन्त के उपकारों पर प्रकाश किया |
श्रावक संघ के पूर्व मन्त्री श्री जवाहरलाल जी कर्णावट ने आचार्य हीरा की मौलिक विशेषताओं, प्रेरणाओं, अनेकसंस्मरणों पर प्रकाश करते हुए गुणगान किए |
इस अवसर पर चेन्नई महानगर के विभिन्न क्षेत्रों से उच्छबराजजी गांग प्रेमजी बागमार विमलचंदजी सुराणा महावीरचन्दजी छाजेड संदीपजी ओस्तवाल गौतमजी बोथरा सुरेशजी कोठारी सुरेशजी बाफना रुपराजजी सेठिया के प्रकाशचंदजी ओस्तवाल महावीरचन्दजी छाजेड निखिलजी कांकरिया रुपराजजी सेठिया योगेशजी श्रीश्रीमाल पारसजी दिनेशजी खींवसरा एच प्रकाशचंदजी ओस्तवाल गौतमजी बोथरा संग अनेक श्रावको श्रीमती प्रमिलाजी दुगड श्रीमती महावीरचन्दजी छाजेड श्रीमती नेमीचंदजी खींवसरा श्रीमती एच प्रकाशचंदजी ओस्तवाल लीलादेवीजी ओस्तवाल जयंतिजी बागमार उर्मिलादेवीजी अक्षिताजी कांकरिया श्रीमती इंदरचंदजी कर्णावट मैनाबाईजी बैद सहित अनेक श्राविकाओं ने तीन-तीन सामायिक की साधना की |
उपवास,एकासन आदि तपस्याओं के प्रत्याख्यान के पश्चात श्रावक संघ तमिलनाडु के उपाध्यक्ष श्री अम्बालालजी कर्णावट ने मंगल पाठ सुनाया |
श्रावक संघ तमिलनाडु की और से कार्याध्यक्ष नरेन्द्रजी कांकरिया ने विशेष रुप से अत्यधिक वर्षा के चलते हुए भी समय पर पधारने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया व रत्न स्वर्ण वर्ष में एकान्तर के तपस्वियों में से उपस्थित श्री विमलचन्दजी सुराणा अशोकजी बाफना जयंतिजी बागमार संगीताजी बोहरा व समस्त एकान्तर की तपस्या करने वाले तपस्वियों की संघ की और से सुखसाता पूछते हुए साधुवाद ज्ञापित करते हुए देव गुरु धर्म व आचार्य भगवन्त के आशीर्वाद से तपस्या सुखशांति पूर्वक हो ऐसी मंगल कामनाएं की | श्रावक संघ तमिलनाडु की और से अल्पाहार की व्यवस्था रखी गयी |