चिदम्बरम. सिरकाली जैन स्थानक में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा कि जीवन की दरिद्रता को दूर कर पावन बनने के लिए सदगुरु के चरणों में जाने की जरूरत है। गुरु के बताए मार्ग पर चलने से आत्म कल्याण हो सकता है।
जीवन उसी का बदलता है जो कुछ कर गुजरने का संकल्प लेते हैं। सिर्फ सोचने से कुछ हासिल नहीं होता। अगर सोचने से सब कुछ बदल जाता तो दुनिया में हर व्यक्ति की अलग पहचान होती। सोचने के बाद उस पर लगन और दृढ संकल्प से काम करने से जीवन में बदवाल आता है। सदगुरु आते हैं और लोगों को नए मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं।
उनकी शिक्षा को जीवन में अपनाने वालों का जीवन बदल जाता है। जो प्राप्त हुए ज्ञान का भी उपयोग नहीं करते उनका जीवन जहां का तहां रहा जाता है। इसलिए मनुष्य को सोचना नहीं कुछ कर गुजरने का संकल्प लेना चाहिए।