दिवाकर भवन पर चातुर्मास हेतु विराजित राष्ट्रसंत आचार्य सम्राट पूज्य गुरुदेव आनंद ऋषि जी महाराज साहब की सूशिष्या वर्तमान आचार्य डॉक्टर शिवमुनि जी महाराज की आज्ञानुवर्ती जिनशासन चंद्रिका मालव गौरव पूज्य श्री प्रियदर्शना जी महाराज साहब ने ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि परीग्रह की मर्यादा करो अति परिग्रह जीवन को पतन की ओर ले जाने वाला है पुण्यवानी से धन की वृद्धि हो रही है तो दान देना सीखो। सुकृत दान देने से धन की शुद्धि होती है लक्ष्मी में वृद्धि होने के साथ पुण्य कर्मों का अर्जन होता है।
पूज्य महासती कल्पदर्शना जी महाराज साहब ने बताया कि पुण्यवाणी से मिली संपत्ति व सत्ता पर अहंकार मत करो अनंतानुबंधी मान वाला व्यक्ति जीवन भर किसी के आगे झुकता नहीं है ऐसा व्यक्ति कितनी भी धर्म साधना कर ले, लेकिन वह आत्मा से परमात्मा नहीं बन सकता। परमात्मा बनने के लिए पहली सीढ़ी है अभिमान का त्याग सहज सरल विनम्र व्यक्ति से मधुर संबंध बनाना हर कोई चाहता है लेकिन अभिमानी व्यक्ति से सभी दूरी बनाए रखते हैं। जीवन में आप सहज सरल बनो तभी आपको परिवारजन, समाजजन, और दुनिया के लोग आपको सदैव याद करेंगे।
उपरोक्त जानकारी देते हुए श्री संघ अध्यक्ष इंदरमल दुकड़िया एवं कार्यवाहक अध्यक्ष ओमप्रकाश श्रीमाल ने बताया कि भक्तामर अनुष्ठान कि 35 वी गाथा का अनुष्ठान का लाभ सतीशजी जैन की पुण्य स्मृति में श्रीमान अंकुरजी निमीषजी जैन ने लिया पूज्य महासती जी के पावन प्रेरणा से राकेश जी कोचट्टा कि धर्म सहायिका श्रीमती उषाजी कोचट्टा ने आज 26 उपवास के प्रत्याख्यान लिए सुनील जी मेहता के 9 उपवास की बोली श्रीमती स्मिता जी संघवी ने 11 उपवास में ली। बेले एवं आयम्बिल की लड़ी निरंतर गतिमान है।
पूज्य गुरुदेव जैन दिवाकर श्री चोथमल जी महाराज साहब के सावन सुदी तेरस के जाप दिनांक 9 अगस्त मंगलवार को प्रातः 8:45 से 9:15 तक दिवाकर भवन पर रखे गए हैं जाप के लाभार्थी श्रीमती सोहनदेवी की पुण्य स्मृति में दीपचंद जी मनोज कुमार जी संयम जी डांगी परिवार रहेंगे। भाई-बहन के पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन के उपलक्ष में बच्चों के द्वारा सुंदर नाटिका का मंचन किया गया साथ ही रक्षाबंधन के दिन भाई बहन के जाप रखे गए हैं। धर्म सभा का संचालन महामंत्री महावीर छाजेड़ ने किया एवं आभार उपाध्यक्ष विनोद ओस्तवाल ने माना।