चातुर्मास की शोभा चौका से नहीं चारित्र, तप, धर्म आराधना से होती है
चेन्नई. श्री हीराचंद्रजी म.सा की आज्ञानुवर्तिनी साध्वी श्री इंदुबालाजी म.सा, श्री सुमतिप्रभा म.सा श्री मुदितप्रभा म.सा आदि ठाणा-10 ने शुक्रवार को किलपॉक स्थित देवदर्शन अपार्टमेंट से विहार कर चातुर्मास हेतु किलपॉक स्थित कांकरिया गेस्ट हाउस में मंगल प्रवेश किया।
मंगल पदार्पण पर श्री एस एस जैन संघ किलपाक के अध्यक्ष सुगनचन्द बोथरा ने गुरु हीरा व साध्वी मंडल के प्रति आभार प्रकट किया कि इस वर्ष का चातुर्मास किलपॉक संघ को दिया।
मन्त्री ललित बाघमार ने कहा कि आप सभी के सहयोग से यह चातुर्मास मिला है। इस चातुर्मास को ऐतिहासिक बनाने के लिए हमें तप व धर्म आराधना में जुडऩा है। उन्होंने कहा यह चातुर्मास मात्र किलपॉक संघ का नहीं वरन सम्पूर्ण चेन्नई का है। इस अवसर पर धर्मीचंद कोठारी, बुधमल बोहरा, ज्ञानचंद बाघमार ने भी अपने विचार रखे।
श्राविका मंडल ने स्वागत गीत व संवाद के माध्यम से चातुर्मास में होने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाला। संगीता बाफना ने स्वागत गीत गाया। साध्वी मंडल ने 2019 किलपाक वर्षावास के पदार्पण पर अपने उद्बोधन में कहा कि पदार्पण का मतलब पद यानी चरण व अर्पण का मतलब समर्पित करना यानी अपने आप को गुरु चरणों मे समर्पित करना। जब यह आत्मा स्वयं के स्वभाव को जानेगी। जब यह आत्मा कषाय भाव को छोड़ वीतराग में जाएगी तब यह मंगल प्रवेश कलाएगा।
चातुर्मास की शोभा चौका से नहीं चारित्र, तप, धर्म आराधना से होती है। चातुर्मास काल में 24 जुलाई से 13 अगस्त तक आदर्श श्रावक बनने के लिए श्रावक के 21 गुणों पर आधारित अम्मा पिया अलर्ट के नाम 21 दिनों की धर्म आराधना प्रात: 7.15 से 11.30 बजे तक रखी गई है। 16 जुलाई से युवा वर्ग के लिए विशेष क्लास ‘जिनशासन की पुकारÓ क्रमश: प्रात: 7.45 से 8.45 व दैनिक प्रवचन 9.15 से 10.15 बजे तक होंगे। सभा का संचालन मांगीलाल चोरडिय़ा ने किया।