*☀️प्रवचन वैभव☀️*
*🪷 सद् उपदेशक:🪷*
*युग प्रभावक कृपाप्राप्त*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
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सर्व संग त्यागी
तत्त्व के अनुरागी
होते है क्षमाश्रमण.!
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जगत में प्राप्त
समस्त पदार्थो का
भक्षण कर लें तो भी
रसनेंद्रिय तृप्ति असंभव हैं.!
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किसी को
मेरे कारण कोई
दुख पीड़ा न पहुंचे
ये प्राथमिक गुण है साधु का.!
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साधु के
शत्रु बहोत
हो सकते है लेकिन
साधु किसी को
अपना शत्रु नहीं मानते.!
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जैसा आहार
वैसे विचार परिणाम,
इस कारणसे साधु के लिए
आहार के
कठिनतम नियम
परमात्मा ने बताए है.!
*(श्री ओलीजी पर्व प्रवचन-६)*
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*