चेन्नई. जीवन में सफल होना है तो चिंता करने के बजाय चिंतन करें। चिंतन से जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। परमात्मा ने कहा है जो मनुष्य अपने भव में पुण्य के कार्य करता है उसके पास बल, बुद्धि और लक्ष्मी सब कुछ होती है। अच्छे कार्य करने और पुण्य कमाने वाले के सभी लोग सेवक बन जाते हैं। जीवन में पुण्य के कार्य करने से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। जिसने इस संसार में यश नहीं कमाया उसका जीवन व्यर्थ है।
साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने आयंबिल ओली के अंतर्गत चल रहे नवपद जाप के सातवें दिन कहा मनुष्य को जीवन में चिंता नही करना चाहिए, क्योंकि जितना जिसके भाग्य में लिखा होता है उतना ही उसे मिलता है। बैठ कर चिंता करने से किसी भी समस्या का समाधान नहीं निकलता। बल्कि चिंता करने से और भी समस्या बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा जीवन में मनुष्य को अपने अच्छे कार्य से यश कमा लेना चाहिए। सागरमुनि ने कहा परमात्मा ने अपने उपदेश देकर शांति का मार्ग गठित किया है। जीवन को सफल बनाने के लिए पुरुषार्थ करना बहुत ही जरूरी होता है। गुरु दर्शन से जब ज्ञान की प्राप्ति होती है तभी जीवन का कल्याण होता है।
सिर्फ ज्ञान आने से जीवन में बदलाव नहीं आता बल्कि उसका अनुसरण करने से आता है। आचरित करने वाला ज्ञान ही मनुष्य को प्रकाश का मार्ग दिखाता है। संचालन सहमंत्री पंकज कोठारी ने किया। कोषाध्यक्ष गौतम दुगड़ ने बताया कि मंगलवार को उपाध्याय पुष्कर मुनि की जन्म जयंती सामूहिक आयंबिल के साथ मनाई जाएगी।