Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

सत्कर्म का आचरण ही बनाता है व्यक्ति को यशस्वी: कपिल मुनि

सत्कर्म  का आचरण ही बनाता है व्यक्ति को यशस्वी: कपिल मुनि

चेन्नई. विरुगम्बाक्कम स्थित एमएपी भवन में विराजित कपिल मुनि ने कहा इंसान को ढोंग और पाखण्ड पूर्ण जीवन से ऊपर उठकर ढंग का जीवन जीने का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि इंसान का हर विचार और कर्म उसके भविष्य का निर्माण कर रहा है। व्यक्ति जीवन में जो कुछ भी अच्छा-बुरा करता है वो कभी व्यर्थ नहीं जाता।

इसलिए जिन्दगी में जो कुछ भी करें बहुत ही सोच समझ कर करें। आदमी आज तेज रफ्तार युग में जी रहा है इसलिए सोचता कम है। कुछ लोग तो मानते हैं कि सोचने से भी रफ्तार पर असर पड़ेगा। जब तक जीवन है तब तक उसके साथ कर्म लगा रहेगा क्योंकि जीवन एक कृत्य है। कार्य करने वाले की नीयत और प्रकृति उस कार्य को पूजा भी बना सकती है तो अपराध भी।

लाख बाधा आने पर भी अच्छे कार्य करते रहें। अच्छे कर्म ही व्यक्ति को यशस्वी बनाते हैं। अच्छे कर्म जीवन यात्रा का फासला कम कर देते हैं। जन्म और मृत्यु के बीच की दूरी को हरेक इन्सान अपने हिसाब से महसूस करता है। उन्होंने कहा जीवन को गौरवप्रद और सफल बनाने के लिए चेतना के दरवाजे पर विवेक का पहरा होना बेहद जरुरी है ।

जीवन से जुड़ी हर प्रवृत्ति जैसे चलना, फिरना, उठना, बैठना और भोजन-संभाषण करना आदि विवेक युक्त होनी चाहिए । स्व विवेक ही जीवन का निर्णायक है। विवेक ही एक ऐसा तत्व है जो अच्छा-बुरा और करणीय-अकरणीय के बीच भेद-रेखा खींचता है। जिस कार्य को उत्साह और उमंग से लबरेज होकर किया जाता है उसका परिणाम भी सकारात्मक और दीर्घजीवी होता है।

साधना की प्रत्येक क्रिया व्यक्ति के लिए आनंद की अनुभूति का विषय बनना चाहिए तभी वह लंबे समय तक जीवन का अनिवार्य अंग बन पायेगी। समय रहते ही व्यक्ति को अपनी जीवन शैली सुधारने की चेष्टा करनी चाहिए अन्यथा बेहद दयनीय हालत में जीने और मरने की मजबूरी का सामना करना पड़ेगा।

ये जीवन संसार की आपाधापी में ही व्यतीत न हो जाये इसलिए प्रत्येक पल को होश से जीने में ही इस जीवन की सार्थकता और धन्यता का राज छिपा है। संचालन मंत्री महावीरचंद पगारिया ने किया।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar