कांकरिया गेस्ट हाउस, किलपाक में साध्वी श्री मुदितप्रभाजी म.सा. ने जिनशासन की पुकार क्लास में कहा कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता ही प्रथम आत्मविश्वास जागृत करती हैं। सकारात्मक रहने वाले व्यक्ति पर कभी भी तनाव हावी नहीं हो सकता! सकारत्मक रहना सफलता का प्रथम सूत्र हैं।
अर्जुनमाली ने अनेक पीड़ाएँ सही पर सकारत्मतक रहे तो छह महीनें की साधना करते हुए मोक्ष को पा लिया। संगम ने प्रभु महावीर को अनेक उपसर्ग दिए, प्रभु महावीर ने उन परिषह को सहन किया, सिद्ध, बुद्ध मुक्त हो गए। समकित का महत्व हैं पर उससे अधिक महत्व विरत्ति का हैं।
गुरु के पास हमेशा शून्य होकर जाना चाइए, अर्थात अभिमान रहित समर्पण भाव से श्रद्धा सहित जाना चाइए। आचार्य हस्ती की तरह जीवन में आचरण का पक्ष मजबूत रहना चाइए । आचार्य हस्ती ने राजस्थान की सिवांची पट्टी के 144 गांवों के वर्षों से चले आ रहे वैमनष्य को अपनी साधना की मजबूती से मिटा दिया।
किलपॉक संघ के अध्यक्ष सुगनचंदजी बोथरा ने जानकारी दी कि साध्वी इन्दुबालाजी के सानिध्य में चातुर्मास काल में हर शनिवार व रविवार को मध्यान्ह में जैनाचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा की अनमोल कृति जैन धर्म का मौलिक इतिहास पर विवेचन रोचक शैली में कार्यक्रम होगा।