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संथारारत श्रावक को आध्यात्मिक संबल देने पहुंचे मुनिश्री सुधाकरजी

संथारारत श्रावक को आध्यात्मिक संबल देने पहुंचे मुनिश्री सुधाकरजी

माधावरम्, चेन्नई ;  तेरापंथ सभा भवन, जैन तेरापंथ नगर, माधावरम्, चेन्नई में विराजित मुनि श्री सुधाकरकुमारजी ने आज संथारारथ सुश्रावक हस्तीमलजी संचेती को दर्शन देने एवं आध्यात्मिक संप्रोषण प्रदान करने हेतु माधावरम् से विहार कर किलपॉक स्थित संचेती निवास स्थल पर पधारे।

मुनिश्री ने लगभग 25 मिनट तक लोगस्स, नमोत्थुणं एवं आगम की गाथाओं के आधार पर आध्यात्मिक पाथेय प्रदान किया। श्रावक हस्तीमलजी संचेती की जागरूकता, चेतन अवस्था सराहनीय थी। वे मुनिश्री की प्रेरणा को सुनकर बार-बार हाथ जोड़ रहे थे, गर्दन हिला रहे थे।

मुनिश्री का प्रातःकालीन प्रवचन भी श्रावक के तीन मनोरथ विषय पर आधारित था। प्रवचन संचेती निवास स्थल पर ही हुआ। प्रवचन में भाई बहनों की अच्छी उपस्थिति थी।

श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी घीसूलाल बोहरा ने बताया कि मुनिप्रवर ने माधावरम् से संथारारत श्रावक को किलपॉक दर्शन देकर वापस माधावरम् आने में लगभग 22 किलोमीटर विहार किया। इस अवसर पर ट्रस्ट बोर्ड के मंत्री माणकचंद आच्छा, उपाध्यक्ष रमेश परमार, जैन विश्व भारती के संयुक्त मंत्री विमल चिप्पड़, विनोद डांगरा, अनिल सेठिया इत्यादि उपस्थित थे। संचेती परिवार की ओर से तेजराजजी संचेती ने मुनिप्रवर के प्रति बहुत बहुत कृतज्ञता ज्ञापित की। माधावरम् एवं किलपॉक के श्रावकों ने रास्ते की सेवा का लाभ लिया। समाचार सम्प्रेषक – स्वरूप चन्द दाँती

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