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ज्ञान वाणी

श्रावक के 14 नियम जो हमें रोज़ लेने चाहिये

 

*1. सचित्त :- सचित्त अर्थात जिस पदार्थ में जीव राशि है ।*

इसमें सचित पदार्थो के सेवन की दैनिक मर्यादा रखी जाती है।जैसे कच्ची हरी सब्जी , कच्चे फल , नमक , कच्चा पानी, कच्चा पूरा धान आदि का सम्पूर्ण त्याग अथवा इतनी संख्या से अधिक उपयोग नही करूँगा ऐसा नियम करना । ( 3, 5 ,7 आदि )

 

*2 . द्रव्य :- खाने – पीने की वस्तु / द्रव्य की प्रतिदिन मर्यादा रखनी है , इसमें पदार्थो की संख्या का निश्चय किया जाता है ।*

भिन्न भिन्न नाम व स्वाद वाली वस्तुएं इतनी संख्या से अधिक खाने के काम में नहीं लूँगा ।

जैसे खिचड़ी , रोटी, दाल, शाक, मिठाई, पापड़, चावल आदि की मर्यादा करना । (11, 15, 21 आदि )

 

*3 . विगय :-* : – प्रतिदिन तेल घी दूध दही शक्कर / गुड तथा घी या तेल में तली हुयी वस्तु ये छः विगय है ।

इनका यथाशक्ति त्याग करना या रोज कम से कम 1 विगय त्याग करना ।

 

*4. उपानह :- जूता, मोजा, चप्पल, आदि पाँव में पहनने की चीजो की मर्यादा रखें । ( 3, 5 ,7 आदि )*

 

*5.तम्बोल :- मुखवास के योग्य पदार्थों , पान, सुपारी, खटाई, इलायची आदि का त्याग करना या दैनिक के लिए परिमाण रखना । ( 3, 5 ,7 आदि )*

 

*6. वत्थ :- पहनने, ओढ़ने के वस्त्रों की दैनिक मर्यादा रखना । ( 5 ,10, 15, 20 आदि )*

आज में ….. संख्या में वस्त्रों को अपने शरीर पर धारण करूँगा , इससे अधिक वस्त्रों को नहीं पहनूंगा ।

 

*7. कुसुम :- पुष्प, तेल, इत्र, अगरबत्ती आदि सुगंधित पदार्थों का दैनिक मर्यादा रखना । ( 3, 5 ,7 आदि )*

 

*8. वाहन :- रिक्शा, स्कूटर, कार, बस, ट्रेन आदि का दैनिक उपयोग या मर्यादा करें । ( 3, 5 ,7 आदि )*

 

*9. शयन :- शय्या, आसन, कुर्सी, बिछोना, पलंग आदि का प्रमाण करना ( 5 ,10, 15 आदि )*

 

*10. विलेपन :- केसर, चन्दन, उबटन, साबुन, तेल, क्रीम, पाउडर आदि का प्रमाण करें । ( 3, 5 ,7 आदि )*

 

*11. ब्रह्मचर्य :- परस्त्री का सर्वथा त्याग , स्वस्त्री के साथ मर्यादा का संकल्प करें ।*

 

*12. दिशा :- दश दिशाओ में अथवा एक दिशा में इतने कि. मी. से अधिक दूर जाने की सीमा निश्चित करना ।* (50 या 100 किलोमीटर )

 

*13. स्नान :- श्रावक प्रतिदिन स्नान, हाथ पैर धोने की, जल की मर्यादा संख्या की मर्यादा रखना । (1 या 2 स्नान, 2 बाल्टी पानी से अधिक का त्याग)*

 

*14.भत्त नियम :- प्रतिदिन अन्न पानी आदि चारो आहारों का तोल रखना । (रात्रिभोजन का त्याग, दिन में 2, 3 बार आदि)*

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