Share This Post

ज्ञान वाणी

शिवमुनिजी मे विनम्रता व सरलता कुट-कुट कर भरी थी : लोकेश मुनि

सुरेश मूर्ति, वेलूर

आचार्य श्री शिवमुनिजी मे विनम्रता व सरलता कुट-कुट कर भरी थी वेलूर मे आचार्य श्री शिवमुनिजी का जन्म दिवस मनाई गई यहा शाति भवन मे मगलवार को एसएस जैन सघ के तत्वाधान मे एव श्री ञ्जरूाानमुनिजी व लोकेश मुनि जी के सन्निध्य मे आचार्य श्री शिवमुनिजी का जन्म दिवस मनाया गया।

इस अवसर ञ्जरूाानमुनिजी ने बताये कि आचार्य श्री शिवमुनिजी के गु ण् ाो को व णर्् ान करना असभव है। वे समता,विनम्रता एव सरलता के प्रतिमूर्ति थे।
सरलता इतनी की कोई भी आये सभी के साथ वार्तालाप करते थे। वे महान कर्मयोगी, ध्यान योगी एव ́ तपस्वी थे। जवानी मे ́ ही वे तपस्या व ध्यान मे ́ लीन रहते थे। हजारो ́ लोगो को तपस्या, उपासना,सत्य एव साधना की राह दिखाए थे।

आचार्य श्री शिवमुनिजी का जन्म पजाब के रानिया ́गावजो उनका ननिहाल था वहा जन्म हुआ था। उनके माता पिता छोटे उम्र से ही उन्हे ́ स ́तो ́ के सेवा मे लेकर जाते थे। उनके घर मे ́ सभी प्रकार के विलासिता सामगी होने के बावजूद जवानी मे ही उन्होने ́ दीक्षा लिए। धर्मसभा मे ́ काफी स ́या मे ́ श्रावक व श्राविकाए उपस्थित थे।
वेलूर के शाति भवन मे ́ आयोजित आचार्य श्री शिवमुनिजी के जन्म दिवस सभा को स ́बोधित करते श्री ञ्जरूाानमुनिजी

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar