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शिक्षा के माध्यम से नैतिक और मानवीय मूल्यों का हो विकास : तिरूवलरसेल्वी

शिक्षा के माध्यम से नैतिक और मानवीय मूल्यों का हो विकास : तिरूवलरसेल्वी

माधावरम् स्थित जैन तेरापंथ नगर में जैन तेरापंथ वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा संचालित *आचार्य महाश्रमण तेरापंथ जैन पब्लिक स्कूल* का लोकार्पण मुनिश्री ज्ञानेन्द्रकुमार, मुनि श्री रमेशकुमार, मुनि श्री जम्बुकुमार के सान्निध्य में हुआ! 

विशिष्ट अतिथि तमिलनाडु राज्य की *शैक्षणिक अधिकारी श्रीमती तिरूवलरसेल्वी* ने कहा कि यह विद्यालय बच्चों में नैतिक, मानवीय मूल्यों का विकास करते हुए खेल की गतिविधियों का भी विकास करे! विद्यालय प्रशासन धार्मिक शिक्षा से बच्चों का ऐसा नवनिर्माण करे जिससे वे देश और समाज के विकास में योगदान दे सके|

मुनि श्री ज्ञानेन्द्रकुमार ने कहा कि *हमारे देश में व्यक्ति की वेशभूषा के आधार पर नहीं अपितु चरित्र के आधार पर उसका सम्मान होता हैं!*  शिक्षा पद्धति अज्ञानी को ज्ञानी बनाती हैं| वह केवल अक्षर ज्ञान ही नहीं अपितु बंधन से मुक्ति की ओर ले जाने वाली होती हैं! 

मुनि श्री ने विशेष प्रेरणा देते हुए कहा कि *यह विद्यालय “जीवन विज्ञान” का मॉडल बन, पुरे देश में उदाहरण प्रस्तुत कर देश के समर्पित और निष्ठावान नागरिकों का विकास करे!* विद्यालय प्रशासन में भी प्रज्ञा का जागरण हो !

मुनि श्री रमेशकुमार ने कहा कि शिक्षा से स्वस्थ समाज, चरित्र का विकास हो सकता हैं| *शिक्षा से विकास के नये नये आयाम स्थापित हो सकते हैं|*
  

मुनि श्री ने विशेष पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि यह विद्यालय बच्चों के व्यक्तिव को ऐसे तैयार करे कि वे डॉ राजेन्द्र प्रसाद, अब्दुल कलाम, आचार्य श्री महाश्रमण जैसे तैयार हो| *विद्यालय में भारतीय संस्कृति और सभ्यता के आधार पर अपनी प्राचीनतम परम्परा का विकास हो!*
  

मुनि श्री ने कहा कि *वे शिक्षा संस्थान गौरवशाली होते हैं जिनके साथ आचार्य तुलसी, आचार्य महाप्रज्ञ, आचार्य महाश्रमण का नाम जुड़ा होता हैं|* यह संस्थान बच्चों को ऐसी शिक्षा प्रदान करे कि वे *नीव का पत्थर बन कर वे स्वयं अपना, परिवार, समाज और राष्ट्र का विकास कर सके !*

मुनि श्री जम्बुकुमार ने कहा कि जो व्यक्ति इस प्रागंण में आये और आयेंगे, वे आचार्य श्री महाश्रमणजी के परमाणुओं से सच्चे मानव बन सकते हैं| मुनि श्री ने गीतिका के माध्यम से *व्यक्ति में नई चेतना, नई उमंग, नये उत्साह का संचार करने की प्रेरणा दी!*

मुख्य अतिथि विधायक तिरू सुदर्शन ने कहा कि जब आचार्य श्री महाश्रमणजी यहाँ पधारे, उससे पुर्व इस बस्ती में विद्यालय नहीं होने से गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित होना पड़ता था| *आप जैन तेरापंथ समाज के लोगों ने यह बहुत ही अच्छा कार्य किया है कि जो शिक्षा के इस मन्दिर का यहा शुभारम्भ कर रहे हैं!* मै मेरी तथा राज्य सरकार की तरह से इस विद्यालय को जो भी सहयोग की अपेक्षा रहेगी, उसे हम देने में सदैव तैयार रहेंगे!

मुख्य अतिथि श्री प्यारेलाल पितलीया ने कहा कि *गुरु कृपा और सम्यक् संकल्प शक्ति से कठिनाईयों से पार पाकर लक्षित मंजिल को प्राप्त किया जा सकता हैं|*

जैन तेरापंथ वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा विद्यालय के लोकार्पणकर्ता परिवारों का स्मृति चिन्ह से सम्मानित कर, श्री जुगराज नाहर, श्री राकेश बाफणा, श्री तनसुख नाहर, श्री तेजप्रकाश चोरडिया, श्री अमरचन्द लूंकड़, श्री देवराज आच्छा परिवार द्वारा विद्यालय का लोकार्पण किया गया! अध्यक्ष श्री देवराज आच्छा ने सभी का स्वागत करते हुए विद्यालय की कार्ययोजना से लोकार्पण तक की सारी जानकारी प्रदान की | 
 

लोकार्पण समारोह का शुभारम्भ मुनि श्री ज्ञानेन्द्रकुमार के महामंत्रोच्चारण से हुआ! विद्यालय की बालिकाओं ने मंगलाचरण में नमस्कार महामंत्र, गणेश एवं सरस्वती वन्दन की प्रस्तुति दी! 
   
तेरापंथ सभा अध्यक्ष श्री विमल चिप्पड़, तेयुप निवर्तमान अध्यक्ष श्री भरत मरलेचा, महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती कमला गेलड़ा, टीपीएफ के अध्यक्ष श्री अनिल लुणावत, अणुव्रत समिति मंत्री श्री जितेन्द्र समदड़िया, प्रिंसिपल महोदया श्रीमती जयाप्रसाद ने भी अपने विचार व्यक्त किये! 
 

कार्यक्रम का कुशल संचालन श्री एम गौतमचन्द बोहरा और आभार ज्ञापन मंत्री श्री तनसुख नाहर ने किया! *राष्ट्रीय गान के साथ लोकार्पण समारोह सानन्द संपन्न हुआ!* इस अवसर पर तेरापंथ के श्रावक समाज के साथ विद्यार्थीयों, उनके अभिभावक गण भी उपस्थित थे! 

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