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ज्ञान वाणी

वीतराग मार्ग के साधक शिरोमणि हैं आचार्य हीरा: कपिल मुनि

वीतराग मार्ग के साधक शिरोमणि हैं आचार्य हीरा: कपिल मुनि

चेन्नई. गोपालपुरम में लॉयड्स रोड स्थित भगवान महावीर वाटिका में कपिल मुनि के सान्निध्य व श्री जैन संघ गोपालपुरम के तत्वावधान में कर्नाटक केसरी गणेशीलाल का 139वां जन्म दिवस और आचार्य हीराचंद्र का 56वां दीक्षा दिवस जप-तप की आराधना व सामूहिक सामायिक साधना के साथ मनाया गया।

बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने एकासन, उपवास, तप आराधना करके महापुरुषों के प्रति श्रद्धा भक्ति का परिचय दिया। कपिल मुनि ने अपने उद्बोधन में कहा गणेशीलाल महान व्यक्तित्व के धनी थे।

उन्होंने जनमानस में व्याप्त मिथ्यात्व के अंधकार को दूर करके सम्यक्त्व के प्रकाश से अंतर्मन को आलोकित किया और धर्म का विशुद्ध स्वरूप समझाकर जन-जन को धर्म से जोडऩे का महान उपकार किया।

उन्होंने आचार्य हीराचंद्र के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आचार्य भगवंत वीतराग मार्ग के साधक शिरोमणि हैं। वे ज्ञान दर्शन और चारित्र के अप्रमत्त साधक हैं। उनका बाहरी व्यक्तित्व जितना मनोहारी है उतना ही उनका अंतकरण आकर्षक और प्रेरणास्पद है।

उन्होंने आज से 56 वर्ष पूर्व संसार की असारता और जीवन की नश्वरता का बोध प्राप्त करके यौवन में आचार्य हस्तीमल के मुखारविंद से जैन भागवती दीक्षा अंगीकार की। आचार्य ने अनेक पथ विचलित युवाओं को सन्मार्ग पर लगाकर जीने की वास्तविक कला का बोध कराया। आचार्य हीरा की वाणी में ओज़ और संयम का तेज स्पष्ट झलकता है।

इस मौके पर पदमचंद बैद, ज्ञानचंद मुणोत, महावीरचंद श्रीश्रीमाल, जवाहरलाल नाहर, महेन्द्र कुमार बैद, गौतमचंद पोकरणा, इंदरचंद कांकलिया, सुनीलकुमार भड़कतिया, शांतिलाल संकलेचा, महावीरचंद कटारिया, विजयकुमार कोठारी, विमलचंद खाबिया, गौतमचंद सेठिया आदि श्रद्धालु मौजूद थे। अध्यक्ष अमरचंद छाजेड़ संरक्षक सुभाषचंद रांका ने आगंतुक अतिथियों का सत्कार किया। संचालन संघ मंत्री राजकुमार कोठारी ने किया।

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