चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा जीवन में आगे निकलने के लिए संकल्प बहुत जरूरी है। बिना संकल्प और नियम के आगे जाने वालों को कुछ भी हासिल नहीं होता।
नियम के साथ आगे निकलने वाले कभी मार्ग से भटकते नहीं। अगर संकल्प होगा तो मनुष्य पाप से बच सकता है। साध्वी समिति ने कहा परमात्मा ने दस प्रकार के धर्म बताएं है जिनमें राष्ट्र धर्म भी आता है। हर देश की अलग अलग धर्म और संस्कृति होती है। जिस देश मे भी रहें वहां के धर्म और संस्कृति का पालन जरूर करें। भारत देश की संस्कृति सबसे महान है।
हमारे देश की हर चीज विशेष है। जब हर देश भोग की ओर आगे बढ़ रहा था तो भारत योग के लिए आगे बढ़ा। मनुष्य को अपने राष्ट्र धर्म की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। परमात्मा कहते हैं अगर मनुष्य अपने धर्म की रक्षा करेगा तो धर्म भी उसकी रक्षा करेगा।
अगर कोई अपने रिश्तेदार के घर जाता है तो वहां खुद के मन का कुछ नहीं करता। उसी प्रकार से देश मे रह कर राष्ट्र धर्म का हमेशा पालन करना चाहिए। देश की गरिमा बनाए रखना ही मनुष्यों का पहला कर्तव्य है। अगर मनुष्य अच्छा करेगा तो निश्चित ही उसे भी अच्छा ही मिलेगा। भारत की महानता का जितना वर्णन किया जाए कम है।
क्षमा देना भारत की संस्कृति है। लेकिन उसे आज के समय मे कोई नहीं मानता है। लोग एक दूसरे से आगे निकलने के लिए मतभेद रखते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर सभी को अपनी संस्कृति और धर्म को बनाये रखने का संकल्प लेना चाहिए। ऐसा करने से जीवन ऊंचाइयों पर पहुंच जाएगा। साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन मनाया जाएगा।: