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रत्न स्वर्ण वर्ष में आराधकों द्वारा आराधना आध्यात्मिक कार्यक्रम व युवक परिषद् तमिलनाडु द्वारा धार्मिक परीक्षाओं का आयोजन

रत्न स्वर्ण वर्ष में आराधकों द्वारा आराधना आध्यात्मिक कार्यक्रम व युवक परिषद् तमिलनाडु द्वारा धार्मिक परीक्षाओं का आयोजन

स्वाध्याय भवन 24/25-बेसिन वाटर वर्क्स स्ट्रीट,साहूकारपेट में रविवार चेन्नई-तमिलनाडु में रविवार 13 अप्रैल 2025 को सम्पन्न होने वाले आध्यात्मिक कार्यक्रम व धार्मिक परीक्षाओं का आयोजन निम्नलिखित रुप से होगा |

 प्रातः 7:30 से 8:30 बजे तक रत्न स्वर्ण महोत्सव में दैनिक सामायिक के अंतर्गत आगामी रविवार 13 अप्रैल 2025 को जिनवाणी अंक मार्च 2025 में से डा त्रिलोकचंदजी जैन के संगोष्ठी आलेख “कार्य सिद्धि में पञच कारण समवाय की मुख्यता- गौणता” [ पृष्ठ Page :45 ] पर स्वाध्याय अनुप्रेक्षा वरिष्ठ स्वाध्यायी श्री आर वीरेन्द्रजी कांकरिया द्वारा की जायेगी | दैनिक आगम वांचन व दैनिक सामायिक स्वाध्याय अनुप्रेक्षा में करबद्ध निवेदन हैं कि सहपरिवार पधारें | कृपया जिनवाणी के मार्च अंक को साथ लेकर पधारें,आप जिनवाणी उपयोग में आने की भावना रखते हो तो कृपया स्वाध्याय भवन में दे दिरावें | मासिक जिनवाणी प्राप्त करने के इच्छुक सदस्यता हेतु मोबाईल 98411 48948 पर सम्पर्क करावें |

श्री जैन रत्न युवक परिषद्, तमिलनाडु के संचालन में स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट सहित चेन्नई महानगर के विभिन्न केन्द्रों पर दोपहर 12 से 3 बजे तक अखिल भारतीय स्तर पर कर्मग्रंथ भाग एक व दो की परीक्षाएं व दोपहर 3 बजे से 4 बजे तक अखिल भारतीय स्तर पर होने वाली प्रतिक्रमण चरण दो की परीक्षा स्वाध्याय भवन, साहूकारपेट सहित चेन्नई महानगर के विभिन्न केन्द्रों व तमिलनाडु एवं आंध्रप्रदेश के विभिन्न केन्द्रों पर सम्पन्न होगी |

श्रावक संघ,तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने जानकारी दी कि श्री जैन रत्न युवक परिषद् तमिलनाडु के शाखा प्रमुख संदीपजी ओस्तवाल कार्य प्रमुख अभयजी सुराणा व सचिव मनोजजी कवाड व संयोजकगण परीक्षा के सफल आयोजन हेतु युवक परिषद् के कार्यकर्ताओं व श्रावकों व श्राविकाओं के पूर्ण सहयोग प्राप्त कर परीक्षाओं के सफल आयोजन हेतु पूर्णतः प्रयासरत्त हैं |

विशेष पाक्षिक पक्खी पर्व :- स्वाध्याय भवन,साहूकारपेट में आज 12 अप्रैल 2025 को सायंकालीन पाक्षिक पक्खी प्रतिक्रमण सुश्रावक श्री बादलचन्दजी बागमार ने कराया | चतुर्दशी पर्व पर श्री कांतिलालजी तातेड़ ने अष्ठ प्रहर के पौषध व के. प्रकाशचंदजी ओस्तवाल ने चार प्रहर के पौषध व्रत की साधना की | एकान्तर तपस्वी श्री एम अशोकजी बाफना ने बेले की तपस्या की | पाक्षिक पक्खी प्रतिक्रमण में गौतमचन्दजी मुणोत, लीलमचन्दजी बागमार उच्छबराजजी गांग,आर नरेन्द्र जी कांकरिया इन्दरचन्दजी कर्णावट की उपस्थिति रही | सभी एकान्तर [ वर्षीतप ] उपवास करने वाले आराधकों के तपस्या की सुखसाता की पृच्छा करते हैं व साधुवाद ज्ञापित करते हैं |

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