चेन्नई. ओसवाल गार्डन में आयोजित धर्मसभा में डॉ. साध्वी हेमप्रभा ने कहा कि आज जीवन में हर व्यक्ति को प्रकृति से मिट्टी, हवा, प्रकाश, पानी के साथ एक विशिष्ट तत्व समय सभी को मिला है।
इसका सदुपयोग कर रहे हैं या दुरुपयोग, यह एक चिंतन का विषय है। समय तो नदी की तरह निरन्तर बहता रहता है। वह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता है। न ही समय को कोई बांधकर या रोककर रख सकता है।
आज हर किसी के मुंह से यही सुनने को मिलता है कि समय नहीं है। अगर समय नहीं है तो व्हाट्सएप, फेसबुक में समय कैसे मिल जाता है।
साध्वी इमितप्रभा ने कहा कि मानव शरीर मिला है तो इससे सत्संग करना चाहिए। सत्संग भी बालू मिट्टी, रेत या नमक की तरह नहीं बल्कि शक्कर की तरह करना चाहिए।