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महाकुम्भ मेले के लिए 4300 करोड़ का आवंटन

महाकुम्भ मेले के लिए 4300 करोड़ का आवंटन

चेन्नई. प्रयागराज (इलाहाबाद) में महाकुम्भ मेला 2019 के आयोजन के लिए कुल 4300 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इस राशि से सभी प्रकार की आवश्यक बुनियादी ढांचा मुहैया कराई जाएंगी। चेन्नई में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के बाद राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में उत्तर प्रदेश सरकार में उत्पाद शुल्क व निषेध मंत्री जय प्रताप सिंह ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन 15 जनवरी से होने जा रहा है। फिक्की के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ को बढ़ावा देने के लिए मुख्मयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें एम्बेसडर बनाया है।

इसके जरिए उत्तरप्रदेश को दुनिया में प्रदर्शित करने के साथ ही आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस मेले के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार व्यापक इंतजाम कर रही है। मेले में दुनिया भर से 20 लाख लोगों के आने की उम्मीद है। मेले के लिए नया लोगो लांच किया गया है।

विशेष प्राथमिकता के तहत श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए धार्मिक व सांस्कृतिक उत्साह के साथ बेहतर सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी। गंगा के संगम पर आयोजित होने वाले इस कुम्भ का देश और दुनिया में विशेष उत्सुकता व आकर्षण है। तीर्थ यात्रियों को परिवर्तित आध्यात्मिक एवं भक्तिमय वातावरण मिलेगा।

देश के छह लाख गांवों से लोग इसमें भाग लेंगे। तीर्थयात्रियों को प्रयागराज लाने के लिए वायु, सडक़, रेल एवं नदी मार्ग पहली बार बनाया गया है।

कुम्भ मेला के जरिए भारतीय संस्कृति के विचार, आचरण एवं जीवन की गुणवत्ता से दुनिया को परिचित कराया जाएगा। यातायात को सुचारू करने के लिए फ्लाईओवर, रेल अंडरपास चौड़ीकरण एवं ट्रैफिक क्रॉसिंग बनाए गए हैं। पहली बार मेले में 40,000 एलईडी लाइट्स लगाए जाएंगे।

प्राचीन सांस्कृतिक विरासत को लेकर भी कार्यक्रम तैयार किए गए हैं। हाउसिंग, भोजन, यात्रा व पवित्र स्नान के साथ एक टेंट सिटी का भी विकास किया जा रहा है। सांस्कृतिक, सुरक्षित एवं डिजिटल कुम्भ के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार स्वच्छता पर विशेष बल दे रही है।

इसके तहत 122000 टॉयलेट बनाए गए हैं। गंगा व त्रिवेणी के किनारों को स्वच्छ तथा प्रदूषण मुक्त बनाने की कोशिश की जा रही है। सिटी को भारतीय संस्कृति एवं कला से जुड़े चित्रों से सुन्दर तरीके से सजाया गया है। इससे सामाजिक सांस्कृति परंपराएं जुड़ी हैं।

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में फिक्की तमिलनाडु स्टेट काउंसिल के को-चेयरमैन टी.आर. केशवन ने कहा कि गंगा के किनारे पहला कुम्भ 644 एडी में आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह स्थान आधुनिकता का सार है। फिक्की तमिलनाडु स्टेट काउंसिल हेड रुबन होबडे ने अपने संबोधन में कुम्भ मेले की महत्ता बताई।

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