चेन्नई. तेरापंथ सभा के तत्वावधान में साहुकारपेट सभा भवन में आचार्य महाश्रमण की शिष्या साध्वी विद्यावती और साध्वी काव्यलता के सान्निध्य में 155वें मर्यादा महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भिक्षु अष्टकम से हुआ फिर संगीता जैन ने गीतिका प्रस्तुति की। साध्वी विद्यावती ने कहा कि तेरापंथ धर्म संघ एक मर्यादित धर्म संघ है। गुरु आज्ञा सर्वोपरि होती है।
भिक्षु स्वामी ने तेरापंथ धर्म संघ की नींव रखी और मर्यादाओं को क्रियान्वित किया। तेरापंथ के प्रति समर्पण भाव रखने वाला ही धर्म संघ का सशक्त सदस्य हो सकता है। साध्वी काव्यलता ने भी विचार व्यक्त किए।
साध्वी प्रियम्वदा, साध्वी प्रेरणा, साध्वी रिद्धीयशा और साध्वी मदुयशा ने गीतिका का संगान किया। साध्वी ज्योतियशा और सुरभिप्रभा ने मर्यादा महोत्सव पर आधारित गीतिका का संगान किया।
तेरापंथ सभा से अनील सेठिया, तेरापंथ महिला मंडल से अध्यक्ष कमला गेलड़ा और उपाध्यक्ष पुष्पा हिरण और टीपीएफ के अध्यक्ष अनिल लुणावत ने भावों की प्रस्तुति दी। पट्टालम ज्ञानशाला की प्रशिक्षिकाओं ने भी इस अवसर पर प्रस्तुति दी।
उपासक पदमचंद आंचलिया ने श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया। तेरापंथ महिला मंडल की मंत्री श्रीमती शान्ति दुधोडिय़ा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।