सेलम. वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ सेलम के तत्वावधान में सेलम शंकर नगर स्थित जैन स्थानक में चातुर्मासार्थ विराजित श्री वीरेन्द्रमुनि म.सा. ने प्रवचन की अमृतधारा बहाते हुए कहा कि आप कोई भी कार्य करें तो मन लगाकर करें।
मन लगाकर करेंगे तो कोई भी काम असंभव नहीं है। लोग कहते हैं कि मन नहीं लगता, क्यों नहीं लगता ? जब आप नोट गिनते कितनी सावधानी व मन लगाकर गिनते हैं, अगर ध्यान से नहीं गिनेंगे तो नुकसान ही उठाना पड़ेगा क्योंकि दो-दो हजार के नोट दो चार ज्यादा चले गए तो। उसी प्रकार ध्यान,स्वाध्याय, चिंतन आदि मन लगाकर करेंगे तो सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने कहा मन का एकाग्रह होना जरूरी है। मन को वश में करना चाहिए क्योंकि यह बड़ा ही चंचल है। मन को बंदर की उपमा दी गई है। जिस प्रकार बंदर पांच दस मिनट भी शांति से नहीं बैठ सकता वैसे ही मन भी अस्थिर है।
मन को वश में करने का सही मार्ग है अनुपूर्वी का पाठ करें। उसमें जरा भी ध्यान विचलित होगा तो पाठ करने में परेशानी आयेगी। दूसरी बात जहां मन भटकने लगे उसे किसी न किसी काम में लगाना चाहिये। मन की एकाग्रता से ध्यान जप करेंगे तो उसका आनंद ही अलग होगा।