चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा समय सबको एक जैसा मिलता है कुछ लोग उसका सही समय पर उपयोग कर जीवन का कल्याण कर लेते हैं और कुछ गलत कार्यो में लग कर पाप की राह पर चल देते हंै। जीवन में सफलता उन्हीं को मिलती है जो सच्चे मार्र्ग का अनुसरण करते हैं। जीवन की कीमत को समझ कर कर्म निर्जरा कर लेनी चाहिए।
साध्वी सुविधि ने कहा जिस प्रकार लोग स्वस्थ रहने के लिए पानी को छान कर पीते हैं उसी तरह मनुष्य को सोच कर बोलना भी चाहिए। वर्तमान में लोगों को मधुर सुनना तो पसंद होता है लेकिन मधुर बोलना नहीं आता। मनुष्य के बोलने की आदत की वजह से बहुत सारे रिश्ते खराब हो जाते हैं।
लोग जब बोलते हैं तो सोचते नहीं कि इससे लोगों को बुरा लगेगा या अच्छा, लेकिन याद रहे मनुष्य की पहचान उसके कपड़े और गाड़ी से नहीं होती, बल्कि उसकी बोलचाल से होती है। मनुष्य को दूसरों के प्रति उसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो खुद को सुनने में अच्छी लगती हो। ऐसा करने पर किसी के प्रति गलत शब्द का प्रयोग नहीं होगा।
रिश्तों को बचा कर चलना है, तो मनुष्य को बोलने से पहले सोचना चाहिए। जहां जरूरी लगे वहां बोलना चाहिए नहीं तो शांत रहना ही बेहतर है। शब्द ऐसे होने चाहिए जिनको लोग सुनना पसंद करते हों। जीवन में वही आगे जाता है जो कम और सही समय पर बोलता है। लोगो को झूठ बोलने से बचना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो लोग अप्रिय बोलने से बचते हैं, ज्यादा नही बोलते, असत्य और असमय पर बोलने से बचते हंै उनको लोग खुद ही सुनना पसंद करते हैं। ऐसा करने वाले अपने जीवन को खुशहाल बना लेते हैं और उनके रिश्ते भी किसी से नही टूटते हैं।
जीवन मे आगे जाना है तो शब्दों पर नियंत्रण करना सीखें। गुरुवार को भक्तामर अनुष्ठान का शुभारंभ होगा। धर्म सभा में अध्यक्ष आनंद मल छलाणी, मंत्री मंगलचंद खारीवाल उपस्थित थे।