कोडम्बाकम वडपलनी श्री जैन संघ के जैन भवन के प्रांगण साध्वी सुधा कंवर ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि श्रमण संघीय वरिष्ठ उपाध्याय प्रवर श्री मूल मुनि म सा एवं भारत विश्रुत, ज्ञान सिंधु श्रमण संघीय महामंत्री श्री सौभाग्य मुनि म सा “कुमुद” गुरु द्वय की पुण्यतिथि पर पुण्य स्मरण करते हुए साध्वी ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों महापुरुष श्रमण संघ की अनूठी शान थे, श्रमण संघ के प्राण थे।
जिन्होंने लाखों भक्तों को धर्म से जोड़ कर जिन शासन की महती प्रभावना की। दोनों ही प्रखर चिंतक प्रबुद्ध विचारक एवं आशु कवि थे। उपाध्याय प्रवर श्री मूल मुनि म,सा के जीवन में सहजता सरलता एवं विनम्रता का अद्भुत संगम था। वे समय के बड़े पाबंद थे। श्रमण संघीय महामंत्री श्री सौभाग्य मुनि म सा “कुमुद” जिन शासन की विमल विभूति थे। मेवाड़ ही नहीं बल्कि भारतवर्ष के अन्य महानगरों में धर्म का शंखनाद किया। वे कुशल प्रवक्ता, अनुशासन प्रिय, आशु कवि एवं उच्च कोटि के लेखक थे।
साध्वी सुयशाश्री ने प्रवचन में फ़रमाया कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और इसीलिए हमें कदम कदम पर समाज की आवश्यकता होती हैं।
जन्म से लेकर मृत्यु तक हमें हर समय किसी ना किसी की सहायता की अवश्य जरूर पड़ती है। लोगों के सहयोग के बिना हम अपनी जिंदगी में आगे नहीं बढ़ सकते। इसीलिए हमारा कर्तव्य है कि हमें जिन लोगों से सहायता मिली है हम भी उनकी जिंदगी को आसान बनाने का प्रयास करें। धर्म सभा का संचालन संघ के मंत्री देवीचंद बरलोटा किया!