श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा एवं प्रेक्षा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में मुनिश्री रमेश कुमार जी के सान्निध्य एवं प्रेक्षा प्रशिक्षण मुनि सुबोध कुमार जी व मूलचन्द जी रांका द्वारा हुआ । जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन ने इस शिविर का आयोजन किया । शिविर में लगभग 40 भाई बहनों ने भाग लिया ।
प्रेक्षा ध्यान का महत्व बताते हुए मुनि रमेश कुमार जी ने कहा- अध्यात्म साधना का सर्वोत्तम साधन है प्रेक्षाध्यान । यह ध्यान साधना पद्धति आध्यात्मिक होने के साथ साथ ही पूर्ण रुपेण वैज्ञानिक भी है। इसलिए इस ध्यान साधना पद्धति से साधक के तन , मन और भाव पवित्र और निर्मल बनते हैं ।
तनाव से मुक्ति का उपाय भी है प्रेक्षाध्यान साधना । मुनि रमेश कुमार जी ने प्रेक्षाध्यान की उपसंपदा के संकल्प कराते हुए आगे कहा- भाव क्रिया, प्रतिक्रिया विरति, मैत्री, मिताहार एवं मितभाषण के बारे में बताया ।
मुनि सुबोध कुमार जी ने अनुप्रेक्षा से होने वाले लाभ के बारे में बताते हुए सहिष्णुता की अनुप्रेक्षा का प्रयोग कराया । प्रेक्षा प्रशिक्षक मूलचन्द जी रांका ने प्रेक्षाध्यान का प्रशिक्षण देते हुए प्रेक्षा ध्यान का प्रयोग कराया । उपासिका बेबी धारीवाल ने प्रेक्षा गीत संगान के पश्चात योगासन कैसे करें इसे समझाते हुए योगासन करायें ।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई के मैनेजिंग ट्रस्टी गौतम जी सेठिया , मंत्री सुरेश जी संचेती, ज्ञानशाला प्रभारी सुरेश जी बोहरा , शिविर संयोजक विजयराज जी गेलङा, अशोक लूकंड, श्रीमती मधु चौरडिया सहित तेरापंथ समाज के गणमान्य भाई बहनों भी उपस्थित थे ।
संप्रसारक
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ट्रस्ट ट्रप्लीकेन चैन्नई