चेन्नई. साहूकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा कि पर्वाधिराज पर्यूषण मनुष्य के जीवन के भार को खत्म कर सुसंस्कृत और उपजाऊ करने के लिए आया है। इसमें जितना तप किया जाएगा उतना बदलाव आ जायेगा।
उन्होंने कहा कि मनुष्य नियति को चुनौती कहता है। याद रहे अगर तप किया जाए तो नियति में भी सुधार किया जा सकता है। तप करने से कभी नहीं बदलने वाला जीवन भी बदल जाता है। साध्वी सुविधि ने कहा कि जीवन जीते जीते पुण्य के कार्य मुरझा न जाये इसलिए समय समय पर पुण्य की बैटरी को चार्ज कर लेना चाहिए। पर्यूषण पर्व मनुष्य के पुण्य को चार्ज करने के लिए आता है।
उन्होंने कहा कि मोबाइल की बैटरी जब लो होती है तो समझ में आता है तो लोग उसे चार्ज में लगा देते हैं लेकिन पुण्य की बैटरी लो होने पर लोगों को समझना आसान नहीं होता इसलिए जब भी जीवन में सबकुछ सही ना चले तो समझ जाओ की पुण्य की बैटरी लो हो गई है। इस भोग के युग में पुण्य की बैटरी चार्ज करने की जरूरत होती है।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से तपने के बाद सोने में निखार आता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य जितना तपेगा उसके जीवन मे उतना ही निखार आता चला जायेगा। संसार मे कुछ भी पाना है तो उसके लिए तपना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि पर्यूषण में किया हुआ तेला तप मनुष्य के कार्य को सिद्धि देता है। पर्यूषण पर्व में तेला का तप करना बहुत जरूरी होता है। दोपहर को कल्प सूत्र वाचन साध्वी समिति ने किया एवं धार्मिक प्रतियोगिता आयोजित हुई। नवकार मंत्र का अष्ठ दिवसीय जाप जारी है। धर्म सभा में अनेक इलाकों के श्रद्धालु उपस्थित थे।