चेन्नई. साहुकारपेट स्थित जैन भवन में विराजित साध्वी सिद्धिसुधा ने कहा इस संसार का सबसे बड़ा दुख यह है कि संसार के रंग अंधा व्यक्ति नहीं देख सकता। यह उसकी मजबूरी है लेकिन उससे भी बड़ा दुख वह है कि आंखें होने के बाद भी मनुष्य दुनिया की खूबसूरती नहीं देख पा रहा है।
मनुष्य अपने गलत कर्मो की वजह से मौत के करीब जा रहा है। सांसों की लड़ी टूटते ही सब खत्म हो जाएगा। दुनिया में जन्म लेकर आये हैं तो जीवन को सार्थक कर लो। साध्वी सुविधि ने कहा समय बहुत बलवान होता है अगर उसकी कीमत नही समझी तो अंत में पछतावा होगा। समय की रफ्तार को कोई रोक नहीं सकता, बस उसके साथ चला जा सकता है।
वर्तमान में लोग समय की कीमत को नहीं समझ रहे है और इसे व्यर्थ कर रहे हैं लेकिन समय वापस लौट कर नहीं आता। पैसों से ज्यादा मूल्य समय का होता है इसलिए मनुष्य को समय का सही से उपयोग करना चाहिए।
समय का दुरुपयोग करने वालों को कुछ हासिल नहीं हो पाता है। संसार में समय सबको और एक बराबर मिला है। मानव के साथ संसार के सभी जीवों को समय मिला है।
समय सबके पास है लेकिन उसका सदुपयोग नहीं कर रहे हैं। भगवान महावीर ने कहा है कि सब कुछ जाने पर मिल सकता है पर समय नहीं। इसलिए इसका सदुपयोग करना सीखें।
बीता हुआ कल कभी नहीं आता। उन्होंने कहा पर्यूषण पर्व के आठ दिन जो मनुष्य तप जाएगा उसका कल्याण हो जाएगा। मंगलवार से पर्यूषण पर्व शुरू होगा।