मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी रमेश ने परमाराध्य आचार्य श्री महाश्रमण के दर्शन सेवा के लिए उपस्थित हुए|
श्री जी रमेश एक सरल श्रावक की तरह कुर्सी पर नहीं अपितु नीचे बैठ कर सेवा करते हुए आचार्य श्री की अंहिसा यात्रा के त्रिआयामी सूत्रों की सराहना करते हुए कहा कि अगर भारत का हर नागरिक इनका अनुसरण करे तो देश सहुमुखी विकास कर सकता हैं|
आपने पुज्य प्रवर से मंगल पाथेय प्राप्त कर भावना व्यक्त की कि मैं समाज में नैतिकता का विकास हो, इस और प्रयत्न करूंगा|
न्यायाधीश महोदय ने आयोजित अर्हत् वन्दना में सहभागीता निभाई और अनुशासनमय साधु समाज की सराहना की|
आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति की तरफ से परामर्शक श्री पन्नालाल टाटीया ने साहित्य प्रदान किया| इस दर्शन सेवा में श्री भरत टाटीया का सहयोग रहा|