चेन्नई. न्यू वाशरमैनपेट जैन स्थानक में विराजित साध्वी साक्षीज्योति ने कहा सिर्फ जैन परिवार में जन्म लेना ही सच्चा जैन नहीं होता। जैन परिवार में जन्म लिया पर जीवन में जैनत्व नहीं आया तो वह प्रभु की नजर में सच्चा जैन नहीं है।
धर्म के लिए जीना पड़ता है और जीवन दांव पर लगाना पड़ता है तभी धर्म सुरक्षित रहता है। इतिहास गवाह है कि धर्म को सुरक्षित रखने के लिए कितने श्रावकों ने कुर्बानियां दी है। जहां पर वेज-नॉनवेज दोनों मिलते हैं ऐसी होटल में जैन कभी नहीं जाएगा।
उसका जमीर इसकी इजाजत नहीं देगा। जो सच्चा जैन होगा वह मद्यपान, मांस आदि का सेवन कदापि नहीं करता। नवकार मंत्र के प्रति उसकी सच्ची श्रद्धा होती है और रात्रिभोज का त्याग करता है।
ये सारी बातें जिस इन्सान के जीवन में है वह परमात्मा की नजर में सच्चा जैन है। संचालन संजय दुगड़ ने किया।