चेन्नई. सैंकड़ों में कोई एक शूरवीर निकलता है, हजारों में कोई एक पंडित होता है, दस हजार में कोई एक वक्ता जन्म लेता है, लेकिन दाता तो कभी कभी ही जन्म लेता है। दाता सब जगह उपलब्ध नहीं होते। हमें दान देने के साथ ही दान लेने वालों के भीतर ऐसा स्वाभिमान जगाना है कि वे लेने के बदले देना सीख जाए।
साहुकारपेट में स्थित राजेन्द्र भवन में विराजित मुनि संयमरत्न विजय के सान्निध्य में जैन महासंघ,चेन्नई के तत्वावधान में दीपावली का विशेष राशन वितरण मुख्य अतिथि समाजसेवी नोखा निवासी दीपचंद लूणिया ने किया। हर जगह ऐसे लघु उद्योग हो,जिससे असहाय लोग भी अपनी आजीविका का साधन जुटा सके और पराधीनता से धीरे-धीरे स्वाधीनताको अपना ले।
इस अवसर पर मुनि संयमरत्न ने कहा कि दान देने के साथ हमें नाम की इच्छा नहीं रखी चाहिए। गुप्त दान महान पुण्यकारक होता है। जो गुप्त रूप से दान करता है, उसे गुप्त रूप से ही खजाना मिलता है। अशक्त प्राणियों को सशक्त बनाने का प्रयास करते रहना चाहिए। इस अवसर पर तीर्थरुचि ने कहा कि हम मजबूत रहेंगे,तो धर्म भी मजबूत रहेगा।
दीपावली पर्व पर राशन वितरण के विशेष सहयोगी मोहन मुथा, चंद्रप्रभु जैन सेवा मंडल,राजस्थान कॉस्मो क्लब, बनासकांठा पालनपुर जैन एसोशिएशन, पट्टालम जैन संघ, पीपल फॉर पीपल, शंखेश्वर कॉरपोरेशन उमरावबाई मीठालाल संचेती, रमेशचन्द हिरानी, संघवी रुपचन्द रहे।
साथ ही महिला ग्रुप जैन महासंघ अध्यक्ष सज्जनराज मेहता, महामंत्री सूरज धोका, संयोजक पन्नालाल सिंघवी, सचिव सुरेश वागरेचा, बाबूलाल मेहता, भंवरलाल परमार, मांगीलाल देशरला, कान्तिलाल भंडारी, जैन महासंघ महिला विभाग संयोजिका कमला मेहता, बाली जैन सेवा मंडल ने राशन वितरण में सहयोग दिया।