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जैन साधना पद्धति में एक अनुष्ठान है तपस्या – साध्वी उज्जवलप्रभा

जैन साधना पद्धति में एक अनुष्ठान है तपस्या – साध्वी उज्जवलप्रभा

विल्लुपुरम  :- आचार्यश्री महाश्रमण की सुशिष्या साध्वी उज्जवलप्रभा के सान्निध्य में मासखमण तपोभिनन्दन आयोजित हुआ। श्रीमती संतोष सुराणा ने 19-9-2021 को 15 की तपस्या का प्रत्याख्यान किया था, साध्वीश्री की प्रबल प्रेरणा से तपस्वी बहन का संकल्प बल ओर बड़ा एवं वह इस तपपथ पर आगे बढ़ गई।  साध्वी उज्जवलप्रभा ने अपने मंगल उद्बोधन में फरमाया कि तप एक ऐसा अनुष्ठान है, जिसमें मनोबल, संकल्पबल और शारीरिक बल की दृढ़ता एवं अनुकूलता अतिआवश्यक है। तपस्वी बहन का साथ देने वाले उनके परिवार का भी अभिनंदन होना चाहिए।

साध्वी अनुप्रेक्षाश्री ने कहा कि समय पर करणीय कार्य यदि कर लिया जाए तो निश्चित ही व्यक्ति बाजी जीत लेता है। जो व्यक्ति एक बूंद की कीमत नहीं जानता वह सागर को क्या जानेगा! मनुष्य जीवन की मौलिकता जानना और समझना जरूरी है। साध्वी प्रबोधयशा ने देसी भाषा में फरमाया कि प्रत्येक व्यक्ति के भीतर अनंत शक्तियां छिपी हुई है। अपने भीतर की शक्तियों को जगाने की प्रेरणा मिलती है, साधु साध्वियों से।

कार्यक्रम का संचालन नई विधा से बुलेटिन के माध्यम से श्रीमती संगीता सुराणा एवं दिशा बाफना ने बहुत रोचक एवं आकर्षक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का शुभारंभ सुशील सुराणा एवं पवन सुराणा के मंगलाचरण द्वारा हुआ। तेरापंथ सभा से महेंद्र धोखा,  मोतीचंद भंडारी, महिला मंडल ने गीतिका एवं सिंपोजियम के द्वारा अपने मन के बात की प्रभावी प्रस्तुति दी। परिवार से रीटा आच्छा, केसर आच्छा, यशा, मेहक, निष्ठा सुराणा तथा नरेश सुराणा ने भी अपने विचार व्यक्त किए और असाधारण साध्वीप्रमुखाश्री का संदेश वाचन पवन सुराणा ने किया। आभार ज्ञापन सभा के मंत्री राजेश सुराणा द्वारा किया गया।
           

स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई

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