चेन्नई. चेंगलपेट जैन स्थानक में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने कहा मनुष्य को लोग उसके धर्म कार्यो के कारण ही याद रखते हैं। अगर यहां से जाने के बाद लोगों के दिलों पर राज करना है तो पुण्य के कार्य कर लेना चाहिए। अपनी धारणा से मनुष्य को दान और पुण्य करने के लिए आगे रहना चाहिए।
अंत समय में मनुष्य के साथ कुछ जाए या न जाए लेकिन उसके द्वारा किया हुआ धर्म और पुण्य अवश्य साथ जाएगा। खुद को पुण्य के कार्यो से जोडऩे के साथ दूसरों को भी यही संदेश देना चाहिए। गौतममुनि ने कहा जीवन का कोई भरोसा नहीं है इसलिए किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करना चाहिए। जब तक मनुष्य का भव हाथों में है उसे ऐसे नहीं गंवाना चाहिए।
रोटी और कपड़े की जरूरत पूरी करने के लिए मनुष्य दिन रात घर व दुकान चलाने में समय निकाल देता है लेकिन सांसें बंद होने के साथ ही सब यहीं रखा रह जाएगा। साथ में अगर कुछ जाएगा तो वह खुद से किया हुआ पुण्य और धर्म के कार्य।
इस लिए मनुष्य को संतो के सानिध्य में आकर धर्म, सामायिक, तप, और त्याग की आराधना कर लेनी चाहिए। जीवन का कोई भी भरोषा नहीं है, जितना हो सके अच्छे कार्य करके सफल बना लेना चाहिए।
उन्होंने कहा रात दिन संसार के लिए जीवन को एक करने वालों को अंत में कुछ नहीं मिलेगा। खाली हाथ आया और खाली हाथ ही चला जाएगा। उन्होंने कहा संसार के स्वरूप को समझने वालों की अलग पहचान बन जाती है।
बहुत ही पुण्य के बाद यह मनुष्य भव का अवसर मिला है तो इसे ऐसे नहीं गंवाना चाहिए। इससे पहले एसएस जैन संघ साहुकारपेट के अध्यक्ष आनंदमल छलाणी एवं अन्य सदस्यों ने मुनिगण के दर्शन कर आशीर्वाद लिया।