आज व्यक्ति संस्कारहीन बनकर पास्चत्या संस्कृति की ओर बढ़ता चला जा रहा है। परमात्मा ने एक बूँद जल के अंदर असंख्य जीव बताये है।
हमे उन्हें हिंसा से बचने का प्रयास करना चाहिए.महासती धर्मलता ने धरम सभा को सम्बोधित करते हुए बताया की यदि कच्चा पानी नहीं पिए तो भगवान् की आज्ञा का पालन होगा। कैप्टन स्कॉर्से बी ने पानी की एक बूँद में 36450 जीव देखे है।
मनुष्य का मन स्थिर नहीं है. उसे जैसा बनाओ वैसा बनता है। जिसने मन को बिगाड़ा उसका सबकुछ बिगड़ गया। जिसने मन को साधा उसने सब कुछ साध लिया।
महासती ने कहा की अहंकार नर्क का द्वार है। अहंकार से आदमी फूल सकता है फ़ैल नहीं सकता समजाज में जब लोगो का अहंकार टकराता है तो समाज टूटता है।
संतो का अहंकार टकराता है तो धर्म टूटता है। परिवार में अहंकार टकराया तो परिवार टूटता है। इसलिए हमे अहंकार रूप झूले को छोर नम्रता रूपी झूले पर झूलना चाहिए।