*☀️प्रवचन वैभव☀️*
🌧️
5️⃣7️⃣
💫
281)
जहां
अध्यात्म बल
बलवान होगा वहां
वहां कर्म कमजोर होंगे.!
282)
पुण्य के उदय को
हितकारी कैसे बनाना वह
प्रदेशी राजा के जीवन से सीखें.!
283)
आत्मार्थी बनना ही
जीवन की सफलता हैं..!
284)
दुःख का
एक स्वभाव हैं
जो उसको सहर्ष
आमंत्रित करता है वहां
अधिक समय नहीं टिकता.!
285)
परिणत जीव
सहनशक्ति संपन्न
प्रतिकूलता में प्रसन्न
अनुकूलता में गंभीर होता हैं.!
🌧️
*प्रवचन प्रवाहक:*
*शासन सेवी, वीर गुरुदेव*
*सूरि जयन्तसेन चरण रज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर