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जब तक स्मृति के पाप खत्म नहीं होंगे तब तक धर्म का प्रारंभ होना असंभव हैं

जब तक स्मृति के पाप खत्म नहीं होंगे तब तक धर्म का प्रारंभ होना असंभव हैं

*☀️प्रवचन वैभव☀️*
🌧️
5️⃣9️⃣
⚡⚡
291)
जब तक
स्मृति के पाप
खत्म नहीं होंगे तब तक
धर्म का प्रारंभ होना
असंभव हैं.!
292)
संत
सज्जन की
आशातना का
पाप आत्मा के साथ
वज्रलेप की तरह जुड़ता हैं.!
293)
जिनकी
सहनशक्ति
कमजोर होती है
उनका समय भी कमजोर.!
294)
अनादि
अज्ञान का अंत
अनंत सुख का प्रारंभ हैं.!
295)
शिव से है
देह की महिमा,
बाकी एक रात भी
कोई घर में नही रखता.!
🌧️
*प्रवचन प्रवाहक:*
*सूरि जयन्तसेन चरणरज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.

*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई

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