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ज्ञान वाणी

जन्म से ही नहीं कर्म से भी बनना होगा जैन: जयधुरंधर मुनि

चेन्नई. वडपलनी जैन स्थानक में होली चातुर्मास संपन्न कर जयधुरंधर मुनि, जय कलश मुनि और जयपुरंदर मुनि  टी.नगर में बर्किट रोड स्थित माम्बलम जैन स्थानक पहुंचे। यहां पहुंचने पर संघ के उपाध्यक्ष डा. उत्तमचंद गोठी, मंत्री महेंद्र गादिया, सहमंत्री प्रकाश कोठारी समेत अन्य सदस्यों ने उनकी अगवानी की।

यहां प्रवचन में जयधुरंधर मुनि ने कहा व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है। जाति विशेष में जन्म होना तो पूर्व कर्म के फल स्वरूप होता है पर व्यक्ति अपने पुरुषार्थ के बल पर कर्म से उत्कृष्ट बन सकता है। जैन कोई जाति नहीं, धर्म है। जैन शब्द का अर्थ है जो जिन अर्थात राग द्वेष के विजेता तीर्थंकर भगवान का अनुयायी हो।

धर्माचरण करने के लिए कभी जाति वर्ण या आयु का बंधन नहीं होता है। कोई भी व्यक्ति चाहे तो सम्यक धर्म के स्वरूप को समझ कर उसका आराधन कर सकता है । जिसका जैसा विचार होगा उसका वैसा ही आचार होगा और आचार के अनुरूप ही उसका व्यवहार होता है। किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके बाह्य लक्षणों से नहीं चरित्र से होती है।

व्यक्ति के आचरण के अनुरूप ही उसकी प्रतिष्ठा होती है। भगवान के उपदेश का श्रवण करने से व्यक्ति के जीवन में परिवर्तन आ जाता है। संचालन संघ मंत्री महेंद्र गदिया ने किया । संघ के उपाध्यक्ष डा. उत्तमचंद गोठी ने बताया कि शनिवार को सवेरे 6.30 बजे प्रार्थना एवं 9.30 से 10.30 बजे प्रवचन होगा।

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