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ज्ञान वाणी

चातुर्मासिक प्रवचन की कड़ी: वीरेन्द्र मुनि

चातुर्मासिक प्रवचन की कड़ी: वीरेन्द्र मुनि

कोयम्बत्तूर आर एस पुरम स्थित आराधना भवन में चातुर्मासिक प्रवचन की कड़ी में विमलशिष्य वीरेन्द्र मुनि ने धर्म सभा को संबोधित करते हुवे कहा कि आचार्य सम्राट परम पूज्य श्री आनंदऋषिजी म . सा . एवं उपाध्याय प्रवर कवि रत्न श्री केवलमुनिजी म सा की जन्म जयंती पर बोलते हुए कहा – जय आनंद आनंद गाये जा, चरणों में शिष झुकाये जा, इन भजन की कड़ियों का सामूहिक उच्चारण कराते हुवे कि आचार्य श्री महाराष्ट्र में अहमदनगर जिले के एक सिराची चिचोंडी नगर में देवीचंदजी हुलाशी बाई गुगलिया के यहां विक्रम संवत 1957 सावन सुदी एकम को हुआ*
👉🏻 *आपका नाम नेमीचंद रखा पर प्यार से सब गोटूराम नाम से पुकारते थे बचपन में ही माता ने संस्कार दिये थे बचपन खेलने खाने का पढ़ाई करने का होता है उस समय ऋषि संप्रदाय के पूज्य श्री रतन ऋषिजी म सा वहाँ पधारे पूज्य श्री बच्चे के गुणों को निहारा और माता उलसाबाई से कहा यह घर में रहेगा तो घर व गांव में नाम कमायेगा परंतु जिन शासन को समर्पित कर दोगी तो घर गांव जिला क्या पूरे विश्व में नाम कमायेगा

अतः समर्पित कर दो यह समाज के लिये ही है उदार हृदयी माता ने अपने लाल को गुरु चरणों में समर्पित कर दिया गुरु चरणोंमें रहकर ज्ञान ध्यान सीखते रहे और 13 वर्ष की अल्पायु में पूज्य श्री रत्न ऋषिजी म सा के पास दीक्षा ग्रहण करली आचार्य श्री बहुत ही सौम्य शांत व मधुर स्वभाव वाले थे विरोधी से विरोधी भी उनके सामने मस्तक झुका देते थे आचार्य श्री के पास छोटे बड़े सभी आते थे उन्हें बड़े प्यार भरे शब्दों से पुकारते थे साथ ही धर्म का बोध देते थे ऐसे आचार्य श्री को बहुत ही श्रद्धा के साथ हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं*

👉🏻 *उपाध्याय कवि रत्न पंडित रत्न प्रवचन केशरी वाणी के जादूगर जन जन में चेतना जागृत करने वाले सुलेखक श्री केवलमुनिजी म सा आपका जन्म कोशियल गांव में जवाहरलालजी कंकुबाई पगारिया कोठारी के यहां सावन बदी 13 को जन्म लिया था बचपन में पिता का वियोग हो गया था

गुरुदेव जैन दिवाकर श्री चौथमलजी म सा का कोशीथल में पधारना हुआ वैराग्य की प्राप्ति हुई दोनों भाई केवल वंशी व माता कंकू बाई ने दीक्षा अंगीकार की, गुरु के समीप ज्ञान ध्यान सीखा व प्रवचनकार गीतकार उपन्यास कथाकार आदि सभी में पारंगत हुवे चारों दिशाओं में प्रवचनों की धूम मचा दी आपश्री शिक्षा व नारी शिक्षा पर ज्यादा जोर देते थे कई स्थानों पर आपके उपदेशों से स्कूल कॉलेज हॉस्पिटल स्थानक आदि का निर्माण हुआ है कई पुस्तकें छपी है आपकी लिखी हुई हम आपश्री के चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करते हैं*

👉🏻 *जन्मोत्सव के उपलक्ष में सजोडे जाप हुआ व सामूहिक एकासना हुवे हैं आराधना भवन का हाल भरा हुआ था बाहर गांव वालों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई*

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